HINDUPANCHANG Telegram 5198
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 23 अप्रैल 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - वसंत*
*मास - चैत्र*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पूर्णिमा सुबह 05:18 अप्रैल 24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - चित्रा रात्रि 10:32 तक तत्पश्चात स्वाति*
*योग- वज्र प्रातः 04:57 अप्रैल 24 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - दोपहर 03:48 से शाम 05:23 तक*
*सूर्योदय - 06:15*
*सूर्यास्त - 06:58*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:30 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:11 से दोपहर 01:02 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:14 अप्रैल 24 से रात्रि 00:59 अप्रैल 24 तक*
* व्रत पर्व विवरण- चैत्री पूर्णिमा, श्री हनुमान जयंती*
*विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।*

*🔹स्वास्थ्य के लिए हितकारी पीपल :-🔹*

*🔸पित्त-नाश व बलवृधि के लिए :🔸*

*🔸पीपल के कोमल पत्तों का मुरब्बा बड़ी शक्ति देता है । इसके सेवन से शरीर की कई प्रकार की गर्मी-संबंधी बीमारियाँ चली जाती है । यह किडनी की सफाई करता है । पेशाब खुलकर आता है । पित्त से होने वाली आँखों की जलन दूर होती है । यह गर्भाशय व मासिक संबंधी रोगों में लाभकारी है । इसके सेवन से गर्भपात का खतरा दूर हो जाता है ।*

*🔸पीपल के पत्ते ऐसे नहीं तोड़ना चाहिए । पहले पीपल देवता को प्रणाम करना कि ‘महाराज ! औषध के लिए हम आपकी सेवा लेते हैं, कृपा करना’ पीपल को काटना नहीं चाहिए । उसमें सात्विक देवत्व होता है ।*

*🔸मुरब्बा बनाने की विधि : पीपल के २५० ग्राम लाल कोमल पत्तों को पानी से धोकर उबाल लें, फिर पीसकर उसमें समभाग मिश्री व ५० ग्राम देशी गाय का घी मिलाकर धीमी आँच पर सेंक लें । गाढ़ा होने पर ठंडा करके सुरक्षित किसी साफ बर्तन ( काँच की बरनी उत्तम है ) में रख लें ।*

*🔹सेवन-विधि : १०-१० ग्राम सुबह-शाम दूध से लें ।*

*🔹हृदय मजबूत करने के लिए : १०-१२ ग्राम पीपल के कोमल पत्तों का रस और चोथाई चमम्च पीसी मिश्री सुबह-शाम लेने से हृदय मजबूत होता है, हृदयघात (हार्ट -अटैक) नहीं होता । इससे मिर्गी व मूर्च्छा की बीमारी में लाभ होता है ।*
*📖- लोक कल्याण सेतु - मार्च 2012*

*🔹सुख-समृद्धि की सदैव वृद्धि हेतु*

*🏡 घर के मध्य में तुलसी का पौधा होने से घर में प्रेम के साथ-साथ सुख-समृद्धि की भी सदैव वृद्धि होती रहती है ।*

*📖- ऋषि प्रसाद July 2012*

*🔹 देशी गाय व भैंस के दूध में अंतर🔹*

*🐄 देशी गाय का दूध 🐄*
* १] सुपाच्य होता है ।*
* २] इसमें स्वर्ण-क्षार होते हैं ।*
* ३] बुद्धि को कुशाग्र बनाता है ।*
* ४] स्मरणशक्ति बढाता है एवं स्फूर्ति प्रदान करता है ।*
* ५] यह सत्त्वगुण बढ़ाता है ।*
* ६] गाय अपना बछड़ा देखकर स्नेह व वात्सल्य से भर के दूध देती है ।*

*🐃 भैंस का दूध 🐃*
* १] पचने में भारी होता है ।*
* २] इसमें स्वर्ण-क्षार नहीं होते हैं ।*
* ३] बुद्धि को मंद करता है ।*
* ४] यह आलस्य व अत्यधिक नींद लाता है ।*
* ५] यह तमोगुण बढ़ाता है ।*
* ६] भैंस स्वाद व खुराक देखकर दूध देती है । भैंस का दूध पीके बड़े होनेवाले भाई सम्पदा के लिए लड़ते-मरते हैं ।*

*🐄 देशी गाय के दूध में सम्पूर्ण प्रोटीन्स रहने के कारण यह मनुष्यों के लिए अनिवार्य है । भैंस के दूध की अपेक्षा गाय के दूध में रहनेवाले प्रोटीन्स सुगमता से पचते हैं । गाय के दूध में ऑक्सिडेज तथा रिडक्टेज एंजाइम की प्रचुरता रहती है, जो पाचन में सहायता देने के अतिरिक्त दूध पीनेवालों के शरीर में पाये जानेवाले टोक्सिंस (विषैले पदार्थ) को दूर करते हैं ।*

*🐄 देशी गाय के दूध की और भी अनेक विशेषताएँ हैं । ऊपर दिये गये बिन्दुओं से देशी गाय के दूध की श्रेष्ठता स्पष्ट हो जाती है । देशी गाय का दूध पीकर हम आयु, बुद्धिमत्ता, सात्त्विकता, निरोगता आदि बढायें या भैंस का दूध पी के इन्हें घटायें – यह हमारे हाथ की बात है ।*

*🐃 भैंस के दूध से भी अधिक हानिकारक है जर्सी आदि विदेशी संकरित गायों का दूध ।*

*- 📖स्त्रोत- ऋषिप्रसाद – मार्च २०१६ से*



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*ऋतु - वसंत*
*मास - चैत्र*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पूर्णिमा सुबह 05:18 अप्रैल 24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - चित्रा रात्रि 10:32 तक तत्पश्चात स्वाति*
*योग- वज्र प्रातः 04:57 अप्रैल 24 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - दोपहर 03:48 से शाम 05:23 तक*
*सूर्योदय - 06:15*
*सूर्यास्त - 06:58*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:30 तक*
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:11 से दोपहर 01:02 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:14 अप्रैल 24 से रात्रि 00:59 अप्रैल 24 तक*
* व्रत पर्व विवरण- चैत्री पूर्णिमा, श्री हनुमान जयंती*
*विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।*

*🔹स्वास्थ्य के लिए हितकारी पीपल :-🔹*

*🔸पित्त-नाश व बलवृधि के लिए :🔸*

*🔸पीपल के कोमल पत्तों का मुरब्बा बड़ी शक्ति देता है । इसके सेवन से शरीर की कई प्रकार की गर्मी-संबंधी बीमारियाँ चली जाती है । यह किडनी की सफाई करता है । पेशाब खुलकर आता है । पित्त से होने वाली आँखों की जलन दूर होती है । यह गर्भाशय व मासिक संबंधी रोगों में लाभकारी है । इसके सेवन से गर्भपात का खतरा दूर हो जाता है ।*

*🔸पीपल के पत्ते ऐसे नहीं तोड़ना चाहिए । पहले पीपल देवता को प्रणाम करना कि ‘महाराज ! औषध के लिए हम आपकी सेवा लेते हैं, कृपा करना’ पीपल को काटना नहीं चाहिए । उसमें सात्विक देवत्व होता है ।*

*🔸मुरब्बा बनाने की विधि : पीपल के २५० ग्राम लाल कोमल पत्तों को पानी से धोकर उबाल लें, फिर पीसकर उसमें समभाग मिश्री व ५० ग्राम देशी गाय का घी मिलाकर धीमी आँच पर सेंक लें । गाढ़ा होने पर ठंडा करके सुरक्षित किसी साफ बर्तन ( काँच की बरनी उत्तम है ) में रख लें ।*

*🔹सेवन-विधि : १०-१० ग्राम सुबह-शाम दूध से लें ।*

*🔹हृदय मजबूत करने के लिए : १०-१२ ग्राम पीपल के कोमल पत्तों का रस और चोथाई चमम्च पीसी मिश्री सुबह-शाम लेने से हृदय मजबूत होता है, हृदयघात (हार्ट -अटैक) नहीं होता । इससे मिर्गी व मूर्च्छा की बीमारी में लाभ होता है ।*
*📖- लोक कल्याण सेतु - मार्च 2012*

*🔹सुख-समृद्धि की सदैव वृद्धि हेतु*

*🏡 घर के मध्य में तुलसी का पौधा होने से घर में प्रेम के साथ-साथ सुख-समृद्धि की भी सदैव वृद्धि होती रहती है ।*

*📖- ऋषि प्रसाद July 2012*

*🔹 देशी गाय व भैंस के दूध में अंतर🔹*

*🐄 देशी गाय का दूध 🐄*
* १] सुपाच्य होता है ।*
* २] इसमें स्वर्ण-क्षार होते हैं ।*
* ३] बुद्धि को कुशाग्र बनाता है ।*
* ४] स्मरणशक्ति बढाता है एवं स्फूर्ति प्रदान करता है ।*
* ५] यह सत्त्वगुण बढ़ाता है ।*
* ६] गाय अपना बछड़ा देखकर स्नेह व वात्सल्य से भर के दूध देती है ।*

*🐃 भैंस का दूध 🐃*
* १] पचने में भारी होता है ।*
* २] इसमें स्वर्ण-क्षार नहीं होते हैं ।*
* ३] बुद्धि को मंद करता है ।*
* ४] यह आलस्य व अत्यधिक नींद लाता है ।*
* ५] यह तमोगुण बढ़ाता है ।*
* ६] भैंस स्वाद व खुराक देखकर दूध देती है । भैंस का दूध पीके बड़े होनेवाले भाई सम्पदा के लिए लड़ते-मरते हैं ।*

*🐄 देशी गाय के दूध में सम्पूर्ण प्रोटीन्स रहने के कारण यह मनुष्यों के लिए अनिवार्य है । भैंस के दूध की अपेक्षा गाय के दूध में रहनेवाले प्रोटीन्स सुगमता से पचते हैं । गाय के दूध में ऑक्सिडेज तथा रिडक्टेज एंजाइम की प्रचुरता रहती है, जो पाचन में सहायता देने के अतिरिक्त दूध पीनेवालों के शरीर में पाये जानेवाले टोक्सिंस (विषैले पदार्थ) को दूर करते हैं ।*

*🐄 देशी गाय के दूध की और भी अनेक विशेषताएँ हैं । ऊपर दिये गये बिन्दुओं से देशी गाय के दूध की श्रेष्ठता स्पष्ट हो जाती है । देशी गाय का दूध पीकर हम आयु, बुद्धिमत्ता, सात्त्विकता, निरोगता आदि बढायें या भैंस का दूध पी के इन्हें घटायें – यह हमारे हाथ की बात है ।*

*🐃 भैंस के दूध से भी अधिक हानिकारक है जर्सी आदि विदेशी संकरित गायों का दूध ।*

*- 📖स्त्रोत- ऋषिप्रसाद – मार्च २०१६ से*

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