tgoop.com/HinduPanchang/5170
Last Update:
🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक - 29 मार्च 2024
⛅दिन - शुक्रवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - चैत्र
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅योग - वज्र रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल - सुबह 11:12 से दोपहर 12:44 तक
⛅सूर्योदय - 06:35
⛅सूर्यास्त - 06:54
⛅दिशा शूल - पश्चिम
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:48 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:07 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - गुड फ्राइडे
⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ🔹
🔸आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔸
🔸रविवार, सप्तमी, नवमी, अमावस्या, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण तथा संक्रांति - इन तिथियों को छोड़कर बाकी के दिन आँवले का रस शरीर पर लगाकर स्नान करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है। (स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)
🔹क्रोध पर नियंत्रण कैसे पायें ?🔹
🔸क्रोध भस्मासुर है, करा-कराया सब खाक कर देता है । जिन्हें क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें ।
🔸(१) एक कटोरी में जल लेकर उसमें देखते हुए 'ॐ शांति... शांति... शांति... ॐ...' इस प्रकार २१ बार जप करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी ।
🔸(२) जब क्रोध आये तो उस समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा ।
🔸(३) सुबह नींद में से उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सद्गुरु या इष्ट का ध्यान करें । बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से अग्नि में आहुति डालें: ॐ क्रोधं जुहोमि स्वाहा ।
🔸(४) एक नग आँवले का मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी । (शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन न करें ।)
🔹कब्जनाशक प्रयोग🔹
👉🏻 कब्ज अनेक रोगों का गढ है । कब्ज दूर करने के लिए निम्न उपाय करें ।
👉🏻 रात को हरड़ पानी में भिगोकर रखें । सुबह थोड़ी सी हरड़ उसी पानी में रगड़ें और थोड़ा सा नमक मिलाकर पियें ।
👉🏻 सूर्योदय से पहले खाली पेट रात का रखा हुआ पानी आवश्यकतानुसार पियें (गुनगुना हो तो उत्तम) ।
👉🏻 मेथी के पत्तों की सब्जी खायें ।
👉🏻 धनिया, पुदीना, काला नमक व काली मिर्च की चटनी भोजन के साथ लें ।
👉🏻 श्वास बाहर निकालकर गुदाद्वार का संकोचन विस्तरण (अश्विनी मुद्रा) करने को थलबस्ती कहते हैं। यह प्रयोग रोज तीन-चार बार करने से भी कब्ज दूर होता है और वीर्यहानि, स्वप्नदोष एवं प्रदर रोग से रक्षा होती है । व्यक्तित्व विकसित होता है ।
📖 लोक कल्याण सेतु - फरवरी 2011
BY Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩
Share with your friend now:
tgoop.com/HinduPanchang/5170