tgoop.com/UGC_NET_HINDI_Sahitya/11078
Last Update:
❣💐हिन्दी भाषा एवं साहित्य_ superFast ❣💐
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
💐 आदिनाथ को परवर्ती संतो ने "शिव" माना है।
💐 नाथो में "रसायनी" नागार्जुन को माना जाता है।
💐 नाथ पंथ के जोगियों को "कनफटा"भी कहा जाता है।
💐 हिंदी -साहित्य में षटचक्रों वाला योग मार्ग गोरखनाथ ने चलाया था।
💐 मत्स्येन्द्रनाथ चौथे बोधिसत्व अवलोकितेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुए थे।
💐 नाथ पंथियों में हठयोग -साधना का विकास सिद्धों की वाममार्गी -भोग प्रधान योग -साधना की प्रतिक्रिया से हुआ था।
💐जीवनीपरक आलोचना 'महाप्राण निराला' एवम 'महीयसी महादेवी' किसने लिखी - गंगाप्रसाद पांडेय
💐'छायावाद के आधार स्तंभ' नामक पुस्तक किसकी है - गंगा प्रसाद पांडेय
💐जवाहर लाल : एक मध्य बिंदु, नेहरू जी : विचार और व्यक्तित्व, नेहरू की काव्यानुभूतियाँ नामक निबन्ध किसने लिखे - शांतिप्रिय द्विवेदी
💐छायावाद को "करुणा की छाया में सौंदर्य के माध्यम से व्यक्त होने वाला भावात्मक सर्ववाद" किसने कहा - महादेवी वर्मा
💐अरविंद दर्शन एवम अंतश्चेतनावाद का प्रभावी विश्लेषण पन्त के किस भूमिका में प्रकट होती है - उत्तरा की
💐किस छायावादी कवि ने कविकर्म को आध्यात्मिक कर्म बताया है - जयशंकर प्रसाद
💐"नयी कविता यदि अनुभूति को आधार मानकर चलती है तो रस से उसकी मुक्ति नहीं है" किस आलोचक का कथन है - डॉ नागेंद्र
💐"उर्मिला के विरह में मानवता की पुकार है - यह अधिक स्वाभविक है। साथ ही गरिमा की न्यूनता नहीं है, वह विश्वव्यापी है" कथन किसका है - डॉ नगेन्द्र
💐समित्रानंदन पंत आलोचना के क्षेत्र में किसकी पहली पुस्तक है - डॉ नगेन्द्र
💐"सूरदास की राधा केवल विलासिनी नहीं है। श्री कृष्ण के साथ उनका केवल युवा काल का सम्बंध नहीं है, वे परकीया नायिका भी नहीं है" कथन किस आलोचक का है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
💐"साहित्य समीक्षा अंततः विचार जगत की वस्तु है" - नन्द दुलारे वाजपेयी
BY हिंदी साहित्य / Hindi Sahitya
Share with your friend now:
tgoop.com/UGC_NET_HINDI_Sahitya/11078