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Current Adda ️- करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank » Telegram Web
प्रदीप नरवाल ने हाल ही में सन्यास की घोषणा की है। वे किस खेल के प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं?
Anonymous Quiz
35%
कबड्डी
20%
फुटबॉल
38%
टेबल टेनिस
7%
क्रिकेट
ली जे-म्यांग को निम्न में से किस देश का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है?
Anonymous Quiz
41%
दक्षिण कोरिया
38%
फिलिपींस
14%
सिंगापुर
7%
वियतनाम
चर्चा में रही ‘टेस्ट क्रिकेट ए हिस्ट्री’ नामक किताब को निम्न में से किसने लिखा है?
Anonymous Quiz
15%
टिम विग्मोर
29%
भैरवी जोशी
46%
एबी डिविलियर्स
10%
डेविड वॉर्नर
Forwarded from Current Adda ️- करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank
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Test Tak - Online Tests | Quiz | Mock Tests | Test Series
Test Tak - Online Tests | Quiz | Mock Tests | Test Series: Current Affairs - करंट अफेयर्स - Quiz Test - Today Daily Top MCQs -…
Test Tak’s Daily Current Affairs Test / Quiz 2025 is published daily with Multiple Choice (MCQs) / Objective Current Affairs Questions and Answers.
सबसे ज्यादा 31वीं बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का रिकॉर्ड बनाने वाले एवरेस्ट मैन का नाम बताएं?
Anonymous Quiz
45%
कामी रीता शेरपा
32%
अंग रीता शेरपा
17%
लखपा शेरपा
7%
शुभम धनंजय
– ‘एवरेस्ट मैन’ के नाम से मशहूर नेपाली पर्वतारोही और गाइड कामी रीता शेरपा ने 31वीं बार माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया है।
– उन्होंने नया रिकॉर्ड 27 मई, 2025 को बनाया।
कामी रीता शेरपा
– 17 जनवरी, 1970 को जन्मे, उन्हें छोटी उम्र से ही चढ़ाई करने का गहरा शौक था और दो दशकों से अधिक समय से वे पहाड़ों पर चढ़ रहे हैं।
– रीता ने पहली बार 13 मई 1994 को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
– माउंट एवरेस्ट के अलावा, रीता ने माउंट गॉडविन-ऑस्टेन (K2), माउंट ल्होत्से, माउंट मानसलु और माउंट चो ओयू को भी फतह किया है।
– गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, शेरपा ने अपनी पहली चढ़ाई के बाद से लगभग हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई की है, अब तक कुल 31 बार चढ़ाई कर चुके हैं।
शेरपा बर्फीले इलाकों की एक जाति
– शेरपा, हिमालय के बर्फीले इलाकों की एक जाति है। इनका मुख्य निवास नेपाल के हिस्से में पड़ने वाला हिमालय का क्षेत्र है। – हालांकि ये भारत और तिब्बत के क्षेत्र में भी पाए जाते हैं। शेरपा तिब्बती भाषा के शब्द शर और पा से मिलकर बना है। इसका मतलब होता है ‘पूरब के लोग’।
– शेरपा को ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने में महारत हासिल होती है, इसलिए ये मुख्यत: माउंट ट्रैकर्स को गाइड करने और उनके सामान को ढोने का काम करते हैं।
– उन्होंने नया रिकॉर्ड 27 मई, 2025 को बनाया।
कामी रीता शेरपा
– 17 जनवरी, 1970 को जन्मे, उन्हें छोटी उम्र से ही चढ़ाई करने का गहरा शौक था और दो दशकों से अधिक समय से वे पहाड़ों पर चढ़ रहे हैं।
– रीता ने पहली बार 13 मई 1994 को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
– माउंट एवरेस्ट के अलावा, रीता ने माउंट गॉडविन-ऑस्टेन (K2), माउंट ल्होत्से, माउंट मानसलु और माउंट चो ओयू को भी फतह किया है।
– गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, शेरपा ने अपनी पहली चढ़ाई के बाद से लगभग हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई की है, अब तक कुल 31 बार चढ़ाई कर चुके हैं।
शेरपा बर्फीले इलाकों की एक जाति
– शेरपा, हिमालय के बर्फीले इलाकों की एक जाति है। इनका मुख्य निवास नेपाल के हिस्से में पड़ने वाला हिमालय का क्षेत्र है। – हालांकि ये भारत और तिब्बत के क्षेत्र में भी पाए जाते हैं। शेरपा तिब्बती भाषा के शब्द शर और पा से मिलकर बना है। इसका मतलब होता है ‘पूरब के लोग’।
– शेरपा को ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने में महारत हासिल होती है, इसलिए ये मुख्यत: माउंट ट्रैकर्स को गाइड करने और उनके सामान को ढोने का काम करते हैं।
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) के अनुसार भारत में वन क्षेत्र के नुकसान की सबसे बड़ी वजह इनमें से क्या है?
Anonymous Quiz
7%
कृषि क्षेत्र का विस्तार
26%
जंगल में आग की घटना
52%
लकड़ी के लिए वनों की कटाई
15%
शहरीकरण
ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) के नए डेटा के अनुसार भारत ने वर्ष 2024 में कितने हेक्टेयर प्राथमिक जंगल खो दिए?
Anonymous Quiz
9%
15300
48%
17700
39%
18200
4%
19100
– ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) ने मई 2025 में आंकड़े जारी किए।
– 1 हेक्टेयर का अर्थ है 10,000 वर्ग मीटर, जो भूमि की माप की एक मानक इकाई है।
पिछले कुछ वर्षों में कितने हेक्टेयर जंगल खो दिए2024 – 18,200 हेक्टेयर
2023 – 17,700 हेक्टेयर2022 – 16,900 हेक्टेयर
2021 – 18,300 हेक्टेयर2020 – 17,000 हेक्टेयर
2019 – 14,500 हेक्टेयर
नोट: वर्ष 2002 से 2024 के बीच, भारत ने कुल 3,48,000 हेक्टेयर आर्द्र प्राथमिक जंगलों (5.4 प्रतिशत) को खो दिया। यह उसी अवधि के दौरान देश में कुल वृक्ष आवरण की हानि का 15% हिस्सा है।
किस राज्य में सबसे ज्यादा पेड़-पौधों का नुकसान– असम राज्य में 2001 से 2024 के बीच 3,40,000 हेक्टेयर पेड़-पौधों का नुकसान हुआ है।
– इसके अलावा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी काफी नुकसान देखने मिला है।– मिजोरम (3,34,000 हेक्टेयर)
– नागालैंड (2,69,000 हेक्टेयर)– मणिपुर (2,55,000 हेक्टेयर)
– मेघालय (2,43,000 हेक्टेयर)
2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट– वर्ष 2001 से अब तक भारत में लगभग 2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट हो चुका है, जो 7.1% की गिरावट दर्शाता है। इस नुकसान से लगभग 1.29 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य उत्सर्जन उत्पन्न होने का अनुमान है।
आग की वजह से कितना वन क्षेत्र को नुकसान
– कृषि को पीछे छोड़कर आग लगने का प्रमुख कारण: दो दशकों में पहली बार, आग उष्णकटिबंधीय वनों के विनाश का मुख्य कारण बन गई है, जो कुल वन विनाश का लगभग 50% है। जलवायु परिवर्तन और अल नीनो के संयोजन से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और सूखा पड़ा, जिससे जंगल में आग लगने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हो गईं।– 2001 से 2024 के बीच जंगल में आग के कारण भारत में लगभग 8,330 हेक्टेयर वन क्षेत्र नष्ट हुआ।
– 2008 में सबसे ज़्यादा नुकसान : 2,770 हेक्टेयर वन क्षेत्र– 2024 में आग से करीब 2,270 हेक्टेयर वन क्षेत्र का नुकसान
– भारत में जंगलों में आग का मौसम आमतौर पर फरवरी के मध्य से शुरू होता है और लगभग 13 सप्ताह तक चलता है।
कुछ अन्य जानकारी– ये आँकड़े ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) से लिए गए हैं।
– GFW, अमेरिका की संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) की एक परियोजना है।– इसे मैरीलैंड यूनिवर्सिटी (USA) के सहयोग से विकसित किया गया है।
– इस पहल की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी।
वन क्षति से निपटने के लिए भारत की पहल क्या हैं?– वन संरक्षण अधिनियम, 1980 (संशोधित 2023): यह गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग को विनियमित करता है, तथा हाल ही में इसमें संशोधन किया गया है जिसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।
– राष्ट्रीय वन नीति, 1988: इसका लक्ष्य भारत के भौगोलिक क्षेत्र के कम से कम 33% भाग को वन या वृक्ष आच्छादित बनाए रखना है।– प्रतिपूरक वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 (CAMPA): यह सुनिश्चित करता है कि वन भूमि परिवर्तन से एकत्रित धनराशि का उपयोग वनरोपण और पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन के लिए किया जाए।
– ग्रीन इंडिया मिशन: जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा, जो वन क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।– राज्य स्तरीय पहल: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की हरित आवरण बढ़ाने के लिए 2025 तक 35 करोड़ पौधे लगाने की योजना।
– संयुक्त वन प्रबंधन (जेएफएम): स्थानीय समुदायों और वन विभागों को शामिल करते हुए वनों का सहयोगात्मक प्रबंधन।– वन अधिकार अधिनियम, 2006: वन में रहने वाले समुदायों के अधिकारों को मान्यता देता है, तथा उन्हें वनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए सशक्त बनाता है।
– उपग्रह निगरानी: वन क्षेत्र और अवैध गतिविधियों की वास्तविक समय निगरानी के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग।
– 1 हेक्टेयर का अर्थ है 10,000 वर्ग मीटर, जो भूमि की माप की एक मानक इकाई है।
पिछले कुछ वर्षों में कितने हेक्टेयर जंगल खो दिए2024 – 18,200 हेक्टेयर
2023 – 17,700 हेक्टेयर2022 – 16,900 हेक्टेयर
2021 – 18,300 हेक्टेयर2020 – 17,000 हेक्टेयर
2019 – 14,500 हेक्टेयर
नोट: वर्ष 2002 से 2024 के बीच, भारत ने कुल 3,48,000 हेक्टेयर आर्द्र प्राथमिक जंगलों (5.4 प्रतिशत) को खो दिया। यह उसी अवधि के दौरान देश में कुल वृक्ष आवरण की हानि का 15% हिस्सा है।
किस राज्य में सबसे ज्यादा पेड़-पौधों का नुकसान– असम राज्य में 2001 से 2024 के बीच 3,40,000 हेक्टेयर पेड़-पौधों का नुकसान हुआ है।
– इसके अलावा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी काफी नुकसान देखने मिला है।– मिजोरम (3,34,000 हेक्टेयर)
– नागालैंड (2,69,000 हेक्टेयर)– मणिपुर (2,55,000 हेक्टेयर)
– मेघालय (2,43,000 हेक्टेयर)
2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट– वर्ष 2001 से अब तक भारत में लगभग 2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट हो चुका है, जो 7.1% की गिरावट दर्शाता है। इस नुकसान से लगभग 1.29 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य उत्सर्जन उत्पन्न होने का अनुमान है।
आग की वजह से कितना वन क्षेत्र को नुकसान
– कृषि को पीछे छोड़कर आग लगने का प्रमुख कारण: दो दशकों में पहली बार, आग उष्णकटिबंधीय वनों के विनाश का मुख्य कारण बन गई है, जो कुल वन विनाश का लगभग 50% है। जलवायु परिवर्तन और अल नीनो के संयोजन से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और सूखा पड़ा, जिससे जंगल में आग लगने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हो गईं।– 2001 से 2024 के बीच जंगल में आग के कारण भारत में लगभग 8,330 हेक्टेयर वन क्षेत्र नष्ट हुआ।
– 2008 में सबसे ज़्यादा नुकसान : 2,770 हेक्टेयर वन क्षेत्र– 2024 में आग से करीब 2,270 हेक्टेयर वन क्षेत्र का नुकसान
– भारत में जंगलों में आग का मौसम आमतौर पर फरवरी के मध्य से शुरू होता है और लगभग 13 सप्ताह तक चलता है।
कुछ अन्य जानकारी– ये आँकड़े ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) से लिए गए हैं।
– GFW, अमेरिका की संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) की एक परियोजना है।– इसे मैरीलैंड यूनिवर्सिटी (USA) के सहयोग से विकसित किया गया है।
– इस पहल की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी।
वन क्षति से निपटने के लिए भारत की पहल क्या हैं?– वन संरक्षण अधिनियम, 1980 (संशोधित 2023): यह गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग को विनियमित करता है, तथा हाल ही में इसमें संशोधन किया गया है जिसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।
– राष्ट्रीय वन नीति, 1988: इसका लक्ष्य भारत के भौगोलिक क्षेत्र के कम से कम 33% भाग को वन या वृक्ष आच्छादित बनाए रखना है।– प्रतिपूरक वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 (CAMPA): यह सुनिश्चित करता है कि वन भूमि परिवर्तन से एकत्रित धनराशि का उपयोग वनरोपण और पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन के लिए किया जाए।
– ग्रीन इंडिया मिशन: जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा, जो वन क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।– राज्य स्तरीय पहल: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की हरित आवरण बढ़ाने के लिए 2025 तक 35 करोड़ पौधे लगाने की योजना।
– संयुक्त वन प्रबंधन (जेएफएम): स्थानीय समुदायों और वन विभागों को शामिल करते हुए वनों का सहयोगात्मक प्रबंधन।– वन अधिकार अधिनियम, 2006: वन में रहने वाले समुदायों के अधिकारों को मान्यता देता है, तथा उन्हें वनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए सशक्त बनाता है।
– उपग्रह निगरानी: वन क्षेत्र और अवैध गतिविधियों की वास्तविक समय निगरानी के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग।
न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) / ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक का नया सदस्य कौन बना?
Anonymous Quiz
10%
मोरक्को
70%
अल्जीरिया
16%
लीबिया
4%
नाइजर
– ब्रिक्स बैंक NDB ने 22 मई को अल्जीरिया को अपना नया सदस्य स्वीकार किया।
नोट: अल्जीरिया को ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) में शामिल करने का नोटिफिकेशन सितंबर 2024 में जारी किया गया था।
अल्जीरिया दुनिया के लिए भी अहम देश
– अल्जीरिया का स्वागत करते हुए, एनडीबी की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ ने कहा कि अल्जीरिया सिर्फ उत्तरी अफ्रीका की अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी अहम देश है।
– उन्होंने कहा कि अल्जीरिया की भागीदारी से एनडीबी की वैश्विक स्तर पर ताकत और प्रभाव और बढ़ेगा।
न्यू डेवलपमेंट बैंक क्या है?
– ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा 2015 में स्थापित, न्यू डेवलपमेंट बैंक एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसका उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य ईएमडीसी में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाना है।
– अध्यक्ष : डिल्मा रूसेफ
– मुख्यालय : शंघाई, चीन
NDB के कुल 10 सदस्य
– संस्थापक सदस्य: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका
– सदस्य: बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, उरुग्वे, मिस्र और अल्जीरिया
ब्रिक्स
– मुख्यालय : शंघाई, चीन
– स्थापना : 2009
– यह 5 महत्वपूर्ण इमर्जिंग इकोनॉमी का संगठन है।
– यह समूह दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
– दुनिया की GDP का लगभग 26 प्रतिशत ब्रिक्स देशों का है।
– भारत अब तक तीन बार 2012, 2016 और 2021 समिट की अध्यक्षता कर चुका है।
BRICS का फुल फॉर्म:
B – Brazil (ब्राजील)
R – Russia (रूस)
I – India (भारत)
C – China (चीन)
S – South Africa (दक्षिण अफ्रीका)
अल्जीरिया के बारे में
प्रेसिडेंट : अब्देलमजीद तेब्बौन
राजधानी : अल्जीयर्स
मुद्रा : अल्जीरियाई दीनार (DZD)
नोट: अल्जीरिया को ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) में शामिल करने का नोटिफिकेशन सितंबर 2024 में जारी किया गया था।
अल्जीरिया दुनिया के लिए भी अहम देश
– अल्जीरिया का स्वागत करते हुए, एनडीबी की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ ने कहा कि अल्जीरिया सिर्फ उत्तरी अफ्रीका की अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी अहम देश है।
– उन्होंने कहा कि अल्जीरिया की भागीदारी से एनडीबी की वैश्विक स्तर पर ताकत और प्रभाव और बढ़ेगा।
न्यू डेवलपमेंट बैंक क्या है?
– ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा 2015 में स्थापित, न्यू डेवलपमेंट बैंक एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसका उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य ईएमडीसी में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाना है।
– अध्यक्ष : डिल्मा रूसेफ
– मुख्यालय : शंघाई, चीन
NDB के कुल 10 सदस्य
– संस्थापक सदस्य: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका
– सदस्य: बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, उरुग्वे, मिस्र और अल्जीरिया
ब्रिक्स
– मुख्यालय : शंघाई, चीन
– स्थापना : 2009
– यह 5 महत्वपूर्ण इमर्जिंग इकोनॉमी का संगठन है।
– यह समूह दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
– दुनिया की GDP का लगभग 26 प्रतिशत ब्रिक्स देशों का है।
– भारत अब तक तीन बार 2012, 2016 और 2021 समिट की अध्यक्षता कर चुका है।
BRICS का फुल फॉर्म:
B – Brazil (ब्राजील)
R – Russia (रूस)
I – India (भारत)
C – China (चीन)
S – South Africa (दक्षिण अफ्रीका)
अल्जीरिया के बारे में
प्रेसिडेंट : अब्देलमजीद तेब्बौन
राजधानी : अल्जीयर्स
मुद्रा : अल्जीरियाई दीनार (DZD)
भारत की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन किस राज्य सरकार ने लॉन्च की?
Anonymous Quiz
29%
मध्य प्रदेश
18%
बिहार
24%
राजस्थान
29%
उत्तर प्रदेश
– 17 मई को जारी एक ऑफिशियल बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने एक खास ट्रेन सेवा शुरू की है, जिसमें विस्टाडोम कोच लगे हैं।
– यह सेवा बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य को पीलीभीत के दुधवा टाइगर रिजर्व से जोड़ेगी।
– विस्टाडोम ट्रेन, भारत के लिए नया नहीं है। नॉर्थ ईस्ट, वेस्टर्न घाट और हिमालयन क्षेत्रों में यह यह ट्रेन संचालित होती है।
– हालांकि जंगल सफारी में इस ट्रेन का उपयोग पहली बार यूपी में किया गया है। इसलिए इसे देश की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन माना जा रहा है।
ट्रेन के बारे में फुल डिटेल
– पर्यटकों के लिए चलाई गई इस खास ट्रेन में ऐसे कोच (डिब्बे) लगाए गए हैं, जिनकी बड़ी कांच की खिड़कियाँ और पारदर्शी छतें हैं।
– इससे सफर के दौरान आसपास के जंगल और प्राकृतिक नज़ारे आसानी से देखे जा सकते हैं।
– इस पहल का मकसद लोगों को रोमांचक वन्यजीव यात्रा का अनुभव देना और राज्य की प्राकृतिक खूबसूरती को दिखाना है।
– फिलहाल यह सेवा शनिवार और रविवार को चल रही है, लेकिन आगे इसे हर दिन चलाने की योजना है।
– उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इस सेवा को शुरू किया है।
– इसका उद्देश्य पर्यटकों को सालभर जंगल की पगडंडियों और सफारी का खास अनुभव देना है।
– पर्यटक जंगल के अंदर 107 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं।
– इस यात्रा में लगभग 4 घंटे 25 मिनट का समय लगता है, तथा इस मार्ग के लिए प्रति व्यक्ति टिकट की कीमत 275 रुपये है।
– यह सेवा बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य को पीलीभीत के दुधवा टाइगर रिजर्व से जोड़ेगी।
– विस्टाडोम ट्रेन, भारत के लिए नया नहीं है। नॉर्थ ईस्ट, वेस्टर्न घाट और हिमालयन क्षेत्रों में यह यह ट्रेन संचालित होती है।
– हालांकि जंगल सफारी में इस ट्रेन का उपयोग पहली बार यूपी में किया गया है। इसलिए इसे देश की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन माना जा रहा है।
ट्रेन के बारे में फुल डिटेल
– पर्यटकों के लिए चलाई गई इस खास ट्रेन में ऐसे कोच (डिब्बे) लगाए गए हैं, जिनकी बड़ी कांच की खिड़कियाँ और पारदर्शी छतें हैं।
– इससे सफर के दौरान आसपास के जंगल और प्राकृतिक नज़ारे आसानी से देखे जा सकते हैं।
– इस पहल का मकसद लोगों को रोमांचक वन्यजीव यात्रा का अनुभव देना और राज्य की प्राकृतिक खूबसूरती को दिखाना है।
– फिलहाल यह सेवा शनिवार और रविवार को चल रही है, लेकिन आगे इसे हर दिन चलाने की योजना है।
– उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इस सेवा को शुरू किया है।
– इसका उद्देश्य पर्यटकों को सालभर जंगल की पगडंडियों और सफारी का खास अनुभव देना है।
– पर्यटक जंगल के अंदर 107 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं।
– इस यात्रा में लगभग 4 घंटे 25 मिनट का समय लगता है, तथा इस मार्ग के लिए प्रति व्यक्ति टिकट की कीमत 275 रुपये है।
एयरोस्पेस ग्रेड का भारत का सबसे बड़े टाइटेनियम और सुपरलॉय मैटेरियल प्लांट कहां स्थापित हुआ?
Anonymous Quiz
11%
जयपुर, राजस्थान
30%
मुंबई, महाराष्ट्र
57%
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
2%
पटना, बिहार
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई 2025 में इस प्लांट उद्घाटन किया।
– नवनिर्मित एयरोस्पेस ग्रेड के टाइटेनियम प्लांट 50 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी वर्ष की क्षमता 6000 टन है और यह दुनिया का सबसे बड़ा एकल-साइट टाइटेनियम पुन:पिघलने वाला प्लांट है।
– भारत अब खुद एयरोस्पेस के लिए जरूरी उच्च गुणवत्ता वाली धातुओं और सामग्रियों का उत्पादन करने में सक्षम हो गया है। यह मुमकिन हुआ है कुछ खास तकनीकों की मदद से, जैसे कि वैक्यूम आर्क रीमेल्टिंग (VAR), इलेक्ट्रॉन बीम (EB), प्लाज्मा आर्क मेल्टिंग (PAM) और वैक्यूम इंडक्शन मेल्टिंग (VIM)।
और किन सुविधाओं की नींव रखी
– टाइटेनियम संयंत्र के साथ-साथ अन्य आधुनिक सुविधाओं की नींव रखी गई है।
– एयरोस्पेस प्रिसिजन कास्टिंग्स प्लांट, जो जेट इंजन के लिए जरूरी एकल क्रिस्टल कास्टिंग्स के उत्पादन में सक्षम होगा।
– एयरोस्पेस फोर्ज शॉप और मिल प्रोडक्ट प्लांट, यह देश के भीतर ही बिलेट्स, बार और प्लेटों का निर्माण करेगा।
– एयरोस्पेस प्रिसिजन मशीनिंग शॉप, अत्यंत सटीक CNC मशीनिंग घटक बनाए जाएंगे।
– स्ट्राइड अकादमी का शिलान्यास और आरएंडडी सेंटर का शिलान्यास
भारत के पास फुल स्पेक्ट्रम डिफेंस मटेरियल कैपेबिलिटी
– भारत अब दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास फुल स्पेक्ट्रम डिफेंस मटेरियल कैपेबिलिटी है।
– अब भारत सिर्फ हथियार और रक्षा उपकरण खरीदने वाला देश नहीं रहेगा, बल्कि उन्हें खुद बनाएगा और दूसरे देशों को बेच भी सकेगा।
भारत का वार्षिक रक्षा-ग्रेड सामग्री आयात
– कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अभी भारत हर साल लगभग 14,000 करोड़ रुपये की रक्षा से जुड़ी खास सामग्री विदेशों से मंगाता है।
– 2026 तक यह खर्च बढ़कर 35,000 करोड़ रुपये हो सकता है। लेकिन एरोलॉय कॉम्प्लेक्स की मदद से भारत की विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
उत्तर प्रदेश
– राजधानी: लखनऊ
– राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
– मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ
– आबादी: लगभग 24 करोड़
– भाषा: हिंदी
– पड़ोसी राज्य: उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार।
– नवनिर्मित एयरोस्पेस ग्रेड के टाइटेनियम प्लांट 50 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी वर्ष की क्षमता 6000 टन है और यह दुनिया का सबसे बड़ा एकल-साइट टाइटेनियम पुन:पिघलने वाला प्लांट है।
– भारत अब खुद एयरोस्पेस के लिए जरूरी उच्च गुणवत्ता वाली धातुओं और सामग्रियों का उत्पादन करने में सक्षम हो गया है। यह मुमकिन हुआ है कुछ खास तकनीकों की मदद से, जैसे कि वैक्यूम आर्क रीमेल्टिंग (VAR), इलेक्ट्रॉन बीम (EB), प्लाज्मा आर्क मेल्टिंग (PAM) और वैक्यूम इंडक्शन मेल्टिंग (VIM)।
और किन सुविधाओं की नींव रखी
– टाइटेनियम संयंत्र के साथ-साथ अन्य आधुनिक सुविधाओं की नींव रखी गई है।
– एयरोस्पेस प्रिसिजन कास्टिंग्स प्लांट, जो जेट इंजन के लिए जरूरी एकल क्रिस्टल कास्टिंग्स के उत्पादन में सक्षम होगा।
– एयरोस्पेस फोर्ज शॉप और मिल प्रोडक्ट प्लांट, यह देश के भीतर ही बिलेट्स, बार और प्लेटों का निर्माण करेगा।
– एयरोस्पेस प्रिसिजन मशीनिंग शॉप, अत्यंत सटीक CNC मशीनिंग घटक बनाए जाएंगे।
– स्ट्राइड अकादमी का शिलान्यास और आरएंडडी सेंटर का शिलान्यास
भारत के पास फुल स्पेक्ट्रम डिफेंस मटेरियल कैपेबिलिटी
– भारत अब दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास फुल स्पेक्ट्रम डिफेंस मटेरियल कैपेबिलिटी है।
– अब भारत सिर्फ हथियार और रक्षा उपकरण खरीदने वाला देश नहीं रहेगा, बल्कि उन्हें खुद बनाएगा और दूसरे देशों को बेच भी सकेगा।
भारत का वार्षिक रक्षा-ग्रेड सामग्री आयात
– कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अभी भारत हर साल लगभग 14,000 करोड़ रुपये की रक्षा से जुड़ी खास सामग्री विदेशों से मंगाता है।
– 2026 तक यह खर्च बढ़कर 35,000 करोड़ रुपये हो सकता है। लेकिन एरोलॉय कॉम्प्लेक्स की मदद से भारत की विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
उत्तर प्रदेश
– राजधानी: लखनऊ
– राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
– मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ
– आबादी: लगभग 24 करोड़
– भाषा: हिंदी
– पड़ोसी राज्य: उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार।
अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड (AMA) जीतने वाली पहली भारतीय मूल की संगीतकार कौन बनीं?
Anonymous Quiz
13%
अनीता राव
57%
राजा कुमारी
23%
सरला राव
7%
रितु शर्मा
– भारतीय मूल की गायिका-गीतकार और रैपर राजा कुमारी ने 27 मई 2025 को अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड (AMA) जीता।
– उन्होंने ‘आर्केन लीग ऑफ लीजेंड्स’ साउंडट्रैक के लिए AMA अवॉर्ड जीता।
– लॉस एंजिल्स में आयोजित 51वें एएमए में ‘आर्केन लीग ऑफ लीजेंड्स: सीजन 2’ के लिए नामांकित किया गया था।
राजा कुमारी
– 11 जनवरी, 1986 को तेलुगु माता-पिता के घर जन्मी, वह अब कैलिफोर्निया के क्लेयरमोंट में रहती हैं।
अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड (AMA)
– अमेरिकन म्यूज़िक अवार्ड्स 1974 से डिक क्लार्क प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित एक वार्षिक अमेरिकी संगीत पुरस्कार शो है।
– नामांकनकर्ताओं का चयन बिक्री और एयरप्ले जैसे व्यावसायिक प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
– उन्होंने ‘आर्केन लीग ऑफ लीजेंड्स’ साउंडट्रैक के लिए AMA अवॉर्ड जीता।
– लॉस एंजिल्स में आयोजित 51वें एएमए में ‘आर्केन लीग ऑफ लीजेंड्स: सीजन 2’ के लिए नामांकित किया गया था।
राजा कुमारी
– 11 जनवरी, 1986 को तेलुगु माता-पिता के घर जन्मी, वह अब कैलिफोर्निया के क्लेयरमोंट में रहती हैं।
अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड (AMA)
– अमेरिकन म्यूज़िक अवार्ड्स 1974 से डिक क्लार्क प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित एक वार्षिक अमेरिकी संगीत पुरस्कार शो है।
– नामांकनकर्ताओं का चयन बिक्री और एयरप्ले जैसे व्यावसायिक प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
राष्ट्रपति ने मई 2025 में सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के 39 कर्मियों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्रदान किए, यह किस काल में दिया जाने वाला अवॉर्ड है?
Anonymous Quiz
8%
26
53%
39
32%
100
8%
103
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 मई 2025 को पहले चरण के वीरता पुरस्कार प्रदान किए।
– रक्षा अलंकरण समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया।
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर भी हैं।
कौन से कितने पदक
– कीर्ति चक्र : 6 (4 मरणोपरांत)
– शौर्य चक्र : 33 (7 मरणोपरांत)
देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार : युद्धकालीन और शांतिकाल
– युद्धकालीन सर्वोच्च वीरता पुस्कार : परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र
– शांतिकाल सर्वोच्च वीरता पुरस्कार : अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र
– अन्य वीरता पुरस्कार : सेना पदक, नौसेना पदक, वायु सेना पदक
– अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र भारत के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार हैं।
#कीर्ति चक्र पुरस्कार किन्हें मिला#
कीर्ति चक्र (जीवित प्राप्तकर्ता)
1. मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू – भारतीय सेना
2. मेजर मंजीत – भारतीय सेना
कीर्ति चक्र (मरणोपरांत)
3. राइफलमैन रवि कुमार – भारतीय सेना
4. कर्नल मनप्रीत सिंह – भारतीय सेना
5. पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुज़म्मिल भट – जम्मू-कश्मीर पुलिस
6. नायक दिलवर खान – भारतीय सेना
#शौर्य चक्र पुरस्कार किन्हें मिला#
शौर्य चक्र (जीवित प्राप्तकर्ता)
1. मेजर विजय वर्मा – इंडियन आर्मी
2. डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार – CRPF
3. इंस्पेक्टर जेफरी हमिंगचुल्लो – CRPF
4. विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन – इंडियन एयरफोर्स
5. स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार – इंडियन एयरफोर्स
6. विशेष पुलिस अधिकारी अब्दुल लतीफ – जम्मू-कश्मीर पुलिस
7. सूबेदार संजीव सिंह जसरोटिया – इंडियन आर्मी
8. कर्नल पवन सिंह – भारतीय सेना
9. सूबेदार पी पाबिन सिंघा – इंडियन आर्मी
10. मेजर साहिल रंधावा – इंडियन आर्मी
11. लेफ्टिनेंट कर्नल सीवीएस निखिल – इंडियन आर्मी
12. मेजर त्रिपतप्रीत सिंह – इंडियन आर्मी
13. लेफ्टिनेंट कमांडर कपिल यादव – इंडियन नेवी
14. डिप्टी कमांडेंट लखवीर – CRPF
15. सहायक कमांडेंट राजेश पांचाल – CRPF
16. कांस्टेबल मलकीत सिंह – CRPF
17. सूबेदार मोहन राम – इंडियन आर्मी
18. कमोडोर शरद सिनसुनवाल – इंडियन नेवी
19. फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस – इंडियन एयरफोर्स
20. सार्जेंट डाभी संजय हिफ़ाभाई – इंडियन एयरफोर्स
21. मेजर कुणाल – इंडियन आर्मी
22. मेजर आशीष दहिया – इंडियन आर्मी
23. हवलदार प्रकाश तमांग – इंडियन आर्मी
24. मेजर सतेंद्र धनखड़ – इंडियन आर्मी
25. सहायक कमांडेंट एशेंथुंग किकोन – असम राइफल्स
26. सूबेदार विकास तोमर – इंडियन आर्मी
शौर्य चक्र (मरणोपरांत)
27. मेजर आशीष ढोंचक – इंडियन आर्मी
28. सिपाही प्रदीप सिंह – इंडियन आर्मी
29. हवलदार रोहित कुमार – इंडियन आर्मी
30. कांस्टेबल पवन कुमार – CRPF
31. कांस्टेबल देवन सी – CRPF
32. विजयनकुट्टी जी – BRO
33. कैप्टन दीपक सिंह – इंडियन आर्मी
वीरतापूर्ण कार्य विभिन्न क्षेत्रों में
– जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व: कार्मिकों ने आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियान चलाए, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों को निष्प्रभावी किया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया, साथ ही हथियार बरामद किए गए।
– इंडियन नेवी: अधिकारियों ने समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का सफल नेतृत्व किया, बंधकों को बचाया और तेल टैंकरों पर लगी आग को नियंत्रित किया।
– इंडियन एयरफोर्स: पायलटों ने जीवन और राष्ट्रीय संपत्तियों की रक्षा के लिए आपात स्थितियों के दौरान साहसी निर्णय लिए।
– CRPF: वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों में साहसिक मिशनों को अंजाम दिया, जिसके परिणामस्वरूप माओवादियों की गिरफ्तारी हुई और हथियार जब्त किए गए।
– रक्षा अलंकरण समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया।
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर भी हैं।
कौन से कितने पदक
– कीर्ति चक्र : 6 (4 मरणोपरांत)
– शौर्य चक्र : 33 (7 मरणोपरांत)
देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार : युद्धकालीन और शांतिकाल
– युद्धकालीन सर्वोच्च वीरता पुस्कार : परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र
– शांतिकाल सर्वोच्च वीरता पुरस्कार : अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र
– अन्य वीरता पुरस्कार : सेना पदक, नौसेना पदक, वायु सेना पदक
– अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र भारत के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार हैं।
#कीर्ति चक्र पुरस्कार किन्हें मिला#
कीर्ति चक्र (जीवित प्राप्तकर्ता)
1. मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू – भारतीय सेना
2. मेजर मंजीत – भारतीय सेना
कीर्ति चक्र (मरणोपरांत)
3. राइफलमैन रवि कुमार – भारतीय सेना
4. कर्नल मनप्रीत सिंह – भारतीय सेना
5. पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुज़म्मिल भट – जम्मू-कश्मीर पुलिस
6. नायक दिलवर खान – भारतीय सेना
#शौर्य चक्र पुरस्कार किन्हें मिला#
शौर्य चक्र (जीवित प्राप्तकर्ता)
1. मेजर विजय वर्मा – इंडियन आर्मी
2. डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार – CRPF
3. इंस्पेक्टर जेफरी हमिंगचुल्लो – CRPF
4. विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन – इंडियन एयरफोर्स
5. स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार – इंडियन एयरफोर्स
6. विशेष पुलिस अधिकारी अब्दुल लतीफ – जम्मू-कश्मीर पुलिस
7. सूबेदार संजीव सिंह जसरोटिया – इंडियन आर्मी
8. कर्नल पवन सिंह – भारतीय सेना
9. सूबेदार पी पाबिन सिंघा – इंडियन आर्मी
10. मेजर साहिल रंधावा – इंडियन आर्मी
11. लेफ्टिनेंट कर्नल सीवीएस निखिल – इंडियन आर्मी
12. मेजर त्रिपतप्रीत सिंह – इंडियन आर्मी
13. लेफ्टिनेंट कमांडर कपिल यादव – इंडियन नेवी
14. डिप्टी कमांडेंट लखवीर – CRPF
15. सहायक कमांडेंट राजेश पांचाल – CRPF
16. कांस्टेबल मलकीत सिंह – CRPF
17. सूबेदार मोहन राम – इंडियन आर्मी
18. कमोडोर शरद सिनसुनवाल – इंडियन नेवी
19. फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस – इंडियन एयरफोर्स
20. सार्जेंट डाभी संजय हिफ़ाभाई – इंडियन एयरफोर्स
21. मेजर कुणाल – इंडियन आर्मी
22. मेजर आशीष दहिया – इंडियन आर्मी
23. हवलदार प्रकाश तमांग – इंडियन आर्मी
24. मेजर सतेंद्र धनखड़ – इंडियन आर्मी
25. सहायक कमांडेंट एशेंथुंग किकोन – असम राइफल्स
26. सूबेदार विकास तोमर – इंडियन आर्मी
शौर्य चक्र (मरणोपरांत)
27. मेजर आशीष ढोंचक – इंडियन आर्मी
28. सिपाही प्रदीप सिंह – इंडियन आर्मी
29. हवलदार रोहित कुमार – इंडियन आर्मी
30. कांस्टेबल पवन कुमार – CRPF
31. कांस्टेबल देवन सी – CRPF
32. विजयनकुट्टी जी – BRO
33. कैप्टन दीपक सिंह – इंडियन आर्मी
वीरतापूर्ण कार्य विभिन्न क्षेत्रों में
– जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व: कार्मिकों ने आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियान चलाए, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों को निष्प्रभावी किया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया, साथ ही हथियार बरामद किए गए।
– इंडियन नेवी: अधिकारियों ने समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का सफल नेतृत्व किया, बंधकों को बचाया और तेल टैंकरों पर लगी आग को नियंत्रित किया।
– इंडियन एयरफोर्स: पायलटों ने जीवन और राष्ट्रीय संपत्तियों की रक्षा के लिए आपात स्थितियों के दौरान साहसी निर्णय लिए।
– CRPF: वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों में साहसिक मिशनों को अंजाम दिया, जिसके परिणामस्वरूप माओवादियों की गिरफ्तारी हुई और हथियार जब्त किए गए।