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Current Adda ️- करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank@Current_Adda P.17183
CURRENT_ADDA Telegram 17183
– ग्‍लोबल फॉरेस्‍ट वॉच (GFW) ने मई 2025 में आंकड़े जारी किए।
– 1 हेक्टेयर का अर्थ है 10,000 वर्ग मीटर, जो भूमि की माप की एक मानक इकाई है।

पिछले कुछ वर्षों में कितने हेक्‍टेयर जंगल खो दिए2024 – 18,200 हेक्टेयर
2023 – 17,700 हेक्टेयर2022 – 16,900 हेक्टेयर
2021 – 18,300 हेक्टेयर2020 – 17,000 हेक्टेयर
2019 – 14,500 हेक्टेयर
नोट: वर्ष 2002 से 2024 के बीच, भारत ने कुल 3,48,000 हेक्‍टेयर आर्द्र प्राथमिक जंगलों (5.4 प्रतिशत) को खो दिया। यह उसी अवधि के दौरान देश में कुल वृक्ष आवरण की हानि का 15% हिस्सा है।
किस राज्य में सबसे ज्‍यादा पेड़-पौधों का नुकसान– असम राज्‍य में 2001 से 2024 के बीच 3,40,000 हेक्‍टेयर पेड़-पौधों का नुकसान हुआ है।
– इसके अलावा अन्‍य पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में भी काफी नुकसान देखने मिला है।– मिजोरम (3,34,000 हेक्टेयर)
– नागालैंड (2,69,000 हेक्टेयर)– मणिपुर (2,55,000 हेक्टेयर)
– मेघालय (2,43,000 हेक्टेयर)
2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट– वर्ष 2001 से अब तक भारत में लगभग 2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट हो चुका है, जो 7.1% की गिरावट दर्शाता है। इस नुकसान से लगभग 1.29 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य उत्सर्जन उत्पन्न होने का अनुमान है।
आग की वजह से कितना वन क्षेत्र को नुकसान
– कृषि को पीछे छोड़कर आग लगने का प्रमुख कारण: दो दशकों में पहली बार, आग उष्णकटिबंधीय वनों के विनाश का मुख्य कारण बन गई है, जो कुल वन विनाश का लगभग 50% है। जलवायु परिवर्तन और अल नीनो के संयोजन से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और सूखा पड़ा, जिससे जंगल में आग लगने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हो गईं।– 2001 से 2024 के बीच जंगल में आग के कारण भारत में लगभग 8,330 हेक्टेयर वन क्षेत्र नष्ट हुआ।
– 2008 में सबसे ज़्यादा नुकसान : 2,770 हेक्टेयर वन क्षेत्र– 2024 में आग से करीब 2,270 हेक्टेयर वन क्षेत्र का नुकसान
– भारत में जंगलों में आग का मौसम आमतौर पर फरवरी के मध्य से शुरू होता है और लगभग 13 सप्ताह तक चलता है।
कुछ अन्‍य जानकारी– ये आँकड़े ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) से लिए गए हैं।
– GFW, अमेरिका की संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) की एक परियोजना है।– इसे मैरीलैंड यूनिवर्सिटी (USA) के सहयोग से विकसित किया गया है।
– इस पहल की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी।
वन क्षति से निपटने के लिए भारत की पहल क्या हैं?– वन संरक्षण अधिनियम, 1980 (संशोधित 2023): यह गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग को विनियमित करता है, तथा हाल ही में इसमें संशोधन किया गया है जिसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।
– राष्ट्रीय वन नीति, 1988: इसका लक्ष्य भारत के भौगोलिक क्षेत्र के कम से कम 33% भाग को वन या वृक्ष आच्छादित बनाए रखना है।– प्रतिपूरक वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 (CAMPA): यह सुनिश्चित करता है कि वन भूमि परिवर्तन से एकत्रित धनराशि का उपयोग वनरोपण और पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन के लिए किया जाए।
– ग्रीन इंडिया मिशन: जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा, जो वन क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।– राज्य स्तरीय पहल: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की हरित आवरण बढ़ाने के लिए 2025 तक 35 करोड़ पौधे लगाने की योजना।
– संयुक्त वन प्रबंधन (जेएफएम): स्थानीय समुदायों और वन विभागों को शामिल करते हुए वनों का सहयोगात्मक प्रबंधन।– वन अधिकार अधिनियम, 2006: वन में रहने वाले समुदायों के अधिकारों को मान्यता देता है, तथा उन्हें वनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए सशक्त बनाता है।
– उपग्रह निगरानी: वन क्षेत्र और अवैध गतिविधियों की वास्तविक समय निगरानी के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग।



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– ग्‍लोबल फॉरेस्‍ट वॉच (GFW) ने मई 2025 में आंकड़े जारी किए।
– 1 हेक्टेयर का अर्थ है 10,000 वर्ग मीटर, जो भूमि की माप की एक मानक इकाई है।

पिछले कुछ वर्षों में कितने हेक्‍टेयर जंगल खो दिए2024 – 18,200 हेक्टेयर
2023 – 17,700 हेक्टेयर2022 – 16,900 हेक्टेयर
2021 – 18,300 हेक्टेयर2020 – 17,000 हेक्टेयर
2019 – 14,500 हेक्टेयर
नोट: वर्ष 2002 से 2024 के बीच, भारत ने कुल 3,48,000 हेक्‍टेयर आर्द्र प्राथमिक जंगलों (5.4 प्रतिशत) को खो दिया। यह उसी अवधि के दौरान देश में कुल वृक्ष आवरण की हानि का 15% हिस्सा है।
किस राज्य में सबसे ज्‍यादा पेड़-पौधों का नुकसान– असम राज्‍य में 2001 से 2024 के बीच 3,40,000 हेक्‍टेयर पेड़-पौधों का नुकसान हुआ है।
– इसके अलावा अन्‍य पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में भी काफी नुकसान देखने मिला है।– मिजोरम (3,34,000 हेक्टेयर)
– नागालैंड (2,69,000 हेक्टेयर)– मणिपुर (2,55,000 हेक्टेयर)
– मेघालय (2,43,000 हेक्टेयर)
2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट– वर्ष 2001 से अब तक भारत में लगभग 2.31 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष क्षेत्र नष्ट हो चुका है, जो 7.1% की गिरावट दर्शाता है। इस नुकसान से लगभग 1.29 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य उत्सर्जन उत्पन्न होने का अनुमान है।
आग की वजह से कितना वन क्षेत्र को नुकसान
– कृषि को पीछे छोड़कर आग लगने का प्रमुख कारण: दो दशकों में पहली बार, आग उष्णकटिबंधीय वनों के विनाश का मुख्य कारण बन गई है, जो कुल वन विनाश का लगभग 50% है। जलवायु परिवर्तन और अल नीनो के संयोजन से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और सूखा पड़ा, जिससे जंगल में आग लगने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हो गईं।– 2001 से 2024 के बीच जंगल में आग के कारण भारत में लगभग 8,330 हेक्टेयर वन क्षेत्र नष्ट हुआ।
– 2008 में सबसे ज़्यादा नुकसान : 2,770 हेक्टेयर वन क्षेत्र– 2024 में आग से करीब 2,270 हेक्टेयर वन क्षेत्र का नुकसान
– भारत में जंगलों में आग का मौसम आमतौर पर फरवरी के मध्य से शुरू होता है और लगभग 13 सप्ताह तक चलता है।
कुछ अन्‍य जानकारी– ये आँकड़े ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (GFW) से लिए गए हैं।
– GFW, अमेरिका की संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI) की एक परियोजना है।– इसे मैरीलैंड यूनिवर्सिटी (USA) के सहयोग से विकसित किया गया है।
– इस पहल की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी।
वन क्षति से निपटने के लिए भारत की पहल क्या हैं?– वन संरक्षण अधिनियम, 1980 (संशोधित 2023): यह गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग को विनियमित करता है, तथा हाल ही में इसमें संशोधन किया गया है जिसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।
– राष्ट्रीय वन नीति, 1988: इसका लक्ष्य भारत के भौगोलिक क्षेत्र के कम से कम 33% भाग को वन या वृक्ष आच्छादित बनाए रखना है।– प्रतिपूरक वनरोपण निधि अधिनियम, 2016 (CAMPA): यह सुनिश्चित करता है कि वन भूमि परिवर्तन से एकत्रित धनराशि का उपयोग वनरोपण और पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन के लिए किया जाए।
– ग्रीन इंडिया मिशन: जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा, जो वन क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।– राज्य स्तरीय पहल: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की हरित आवरण बढ़ाने के लिए 2025 तक 35 करोड़ पौधे लगाने की योजना।
– संयुक्त वन प्रबंधन (जेएफएम): स्थानीय समुदायों और वन विभागों को शामिल करते हुए वनों का सहयोगात्मक प्रबंधन।– वन अधिकार अधिनियम, 2006: वन में रहने वाले समुदायों के अधिकारों को मान्यता देता है, तथा उन्हें वनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए सशक्त बनाता है।
– उपग्रह निगरानी: वन क्षेत्र और अवैध गतिविधियों की वास्तविक समय निगरानी के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग।

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Commenting about the court's concerns about the spread of false information related to the elections, Minister Fachin noted Brazil is "facing circumstances that could put Brazil's democracy at risk." During the meeting, the information technology secretary at the TSE, Julio Valente, put forward a list of requests the court believes will disinformation. Joined by Telegram's representative in Brazil, Alan Campos, Perekopsky noted the platform was unable to cater to some of the TSE requests due to the company's operational setup. But Perekopsky added that these requests could be studied for future implementation. 2How to set up a Telegram channel? (A step-by-step tutorial) In the “Bear Market Screaming Therapy Group” on Telegram, members are only allowed to post voice notes of themselves screaming. Anything else will result in an instant ban from the group, which currently has about 75 members. Step-by-step tutorial on desktop:
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