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📌राष्‍ट्रीय पहचान के प्रतीक प्रतीक व चिन्ह का नाम

भारत का राष्ट्रीय ध्वज :- तिरंगा
भारत का राष्ट्रीय गान :- जन-गन-मन
भारत का राष्ट्रीय गीत :- वन्दे मातरम्
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह :- अशोक स्तम्भ
भारत का राष्ट्रीय पंचांग :- शक संवत
भारत का राष्ट्रीय वाक्य :- सत्यमेव जयते
भारत की राष्ट्रीयता :- भारतीयता
भारत की राष्ट्र भाषा :- हिंदी
भारत की राष्ट्रीय लिपि :- देव नागरी
भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत :- हिंद देश का प्यारा झंडा
भारत का राष्ट्रीय नारा :- श्रमेव जयते
भारत के राष्ट्र पिता :- महात्मा गाँधी
भारत की राष्ट्रीय विदेश नीति :- गुट निरपेक्ष
भारत का राष्ट्रीय पुरस्कार :- भारत रत्न
भारत का राष्ट्रीय सूचना पत्र :- श्वेत पत्र
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष :- बरगद
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा :- रूपया
भारत की राष्ट्रीय नदी :- गंगा
भारत का राष्ट्रीय पक्षी :- मोर
भारत का राष्ट्रीय पशु :- बाघ
भारत का राष्ट्रीय फूल :- कमल
भारत का राष्ट्रीय फल :- आम
भारत की राष्ट्रीय योजना :- पञ्च वर्षीय योजना
भारत का राष्ट्रीय खेल :- हॉकी
भारत की राष्ट्रीय मिठाई :- जलेबी
भारत के राष्ट्रीय पर्व :- 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 2 अक्तूबर (गाँधी जयंती)
भारत का राष्ट्रीय पकवान :- खिचड़ी
✅️ अनेक शब्दों के लिए एक शब्द- 🔺

1- जो कभी बूढ़ा न हो – अजर
2- जिसकी कभी मृत्यु न हो- अमर
3- जो दिखाई न दे – अदृश्य
4- जिसे जाना न जा सके- अज्ञेय
5- जो दिया न जा सके – अदेय
6- जो पिया न जा सके- अपेय
7- जो खाया न जा सके- अखाद्य
8- जिसे छूना वर्जित हो – अस्पृश्य
9- जिसे पहले पढ़ा न हो – अपठित
10- जिसे टाला न जा सके- अवश्यम्भावी
11- जिसके बारे में कुछ पता न हो- अज्ञात
12- जिसे जीता न जा सके- अजेय
13- जिसे हराया न जा सके- अपराजेय
14- जिसका उल्लंघन न किया जा सके- अनुलंघनीय
15- पीछे चलने वाला – अनुगामी
16- साथ चलने वाला – सहचर
17- मन की बात जानने वाला- अंतर्यामी
18- सब कुछ देख लेने वाला- सर्वदृष्टा
19- सब कुछ जानने वाला- सर्वज्ञानी, सर्वज्ञ
20- अपने आप में मग्न रहने वाला- अंतर्मुखी
21- सबसे घुल मिल जाने वाला- बहिर्मुखी
22- कुछ न जानने वाला- अज्ञानी
23- रात्रि में घूमने वाला – रात्रिचर, निशाचर
24- प्रतिदिन होने वाला- दैनिक, रोजाना
25- सप्ताह में एक बार होने वाला- साप्ताहिक
26- पंद्रह दिन में एक बार होने वाला- पाक्षिक
27- माह में एक बार होने वाला- मासिक
28- तीन महीने में एक बार होने वाला-त्रैमासिक
29- छः महीने में एक बार होने वाला-अर्द्धवार्षिक, छमाही
30- साल में एक बार होने वाला – वार्षिक, सालाना
31- पूरे जीवन भर – आजीवन
32- करने योग्य कार्य – करणीय
33- जहां कोई इंसान न हो – निर्जन
34- संसार से संबंधित- लौकिक, सांसारिक
35- संसार से बाहर का- अलौकिक, पारलौकिक
36- पूरे दिन के क्रिया-कलाप- दिनचर्या
37- जिसे जीतना कठिन हो- दुर्जय
38- जो हो न सके – असम्भव
39- शाक सब्जी खाने वाला- शाकाहारी
40- मांस खाने वाला- मांसाहारी
41- सब कुछ कहने वाला- सर्वाहारी
42- बहुत कम खाने वाला- अल्पाहारी
43- कड़वे वचन बोलने वाला – कटुभाषी
44- मीठा बोलने वाला – मधुरभाषी
45- कम बोलने वाला- मितभाषी
46- दूसरों की बुराई, निंदा करने वाला- परनिंदक, निंदक
47- बड़ाई या प्रसंशा करने वाला – प्रसंशक
48- जो बोलने में असमर्थ हो – मूक, गूंगा
49- जो सुनने में असमर्थ हो – बधिर, बहरा
50- जो देखने में असमर्थ हो – अंधा
51- जिसका कोई अंग काम न करता हो – विकलांग, दिव्यांग
52- जिसकी बुद्धि बहुत तेज हो – कुशाग्रबुद्धि
53- जिसकी बुद्धि कमजोर हो – मंदबुद्धि
54- आसानी से प्राप्त होने वाला – सुलभ
55- बहुत कठिनाई से मिलने वाला – दुर्लभ
56- जिसे करना कठिन हो – दुष्कर
57- जिसे कोई शोक न हो – अशोक
58- दूसरों से जलन रखने वाला – ईर्ष्यालु
59- दूसरों का उपकार करने वाला – परोपकारी
60- सुख दुख में समान रहने वाला – स्थिरप्रज्ञ
61- जिसका मूल्य न बताया जा सके – अमूल्य
62- जिसका कोई सगा-सम्बन्धी न हो – अनाथ
63- भाग्य जिसका साथ न दे – अभागा
64- जो पहले कभी न हुआ हो – अभूतपूर्व
65- जो शीघ्र ही मरने वाला हो – मरणासन्न
66- जिसे पड़ से हटा दिया गया हो- पदच्युत
67- दूसरों की भलाई के लिए सोचने वाला – शुभचिंतक
68- जिसकी मृत्यु हो गयी हो- स्वर्गीय, मृत
69- लम्बे समय तक जीवित रहने वाला – चिरंजीवी
70- जिसका जीवन दूसरों पर आश्रित हो – परजीवी
71- जो दूर की सोचता हो – दूरदर्शी
72- धरती और आकाश के बीच का स्थान- अंतरिक्ष
73- किसी देश के अंदर के मामले- अंतर्देशीय
74- जो बीत चुका हो – अतीत, भूत,
75- जो इंद्रियों के द्वारा न जाना जा सके- अगोचर
76- जिसने इंद्रियों को वश में कर लिया है- जितेंद्रिय
77- दोपहर के पहले का समय – पूर्वाह्न
78- दोपहर के बाद का समय- अपराह्न
79- जिसका त्याग न किया जा सके- अपरिहार्य
80- जिसका अनुभव किया जा चुका हो – अनुभूत
81- बिना वेतन काम करने वाला – अवैतनिक
82- जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
83- जिसके पास कुछ न हो – अकिंचन
84- जो कानून के विरुद्ध हो – अवैधानिक, अवैध
85- जो तोला या नापा न जा सके – अपरिमेय
86- जिसका इलाज न हो सके – असाध्य
87- जिसका मन कहीं और लगा हो – अन्यमनस्क
88- आवश्यकता से अधिक संग्रह न करना – अपरिग्रह
89- सामान्य नियम के विरुद्ध – अपवाद
90- अनुचित खर्च करने वाला – अपव्ययी
91- जिसका कभी अंत न हो- अनंत
92- जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय
93- जिसका खण्डन न किया जा सके – अकाट्य
94- जिसपर मुकदमा चल रहा हो – अभियुक्त,
95- जिसकी कोई सीमा न हो – असीम
96- जिसके आने की कोई तिथिं न हो – अतिथि
97- जो घूमता फिरता आ जाए – आगंतुक
98- ऊपर चढ़ने वाला- आरोही
99- जो ऊपर कहा गया हो- उपर्युक्त
100- किसी के बाद उसके पद यत् संपत्ति को ग्रहण करने वाला – उत्तराधिकारी
101- जो जमीन उपजाऊ हो – उर्वरा
102- जिसका उल्लेख करना आवश्यक हो- उल्लेखनीय
103- जल और जमीन दोनों पर चलने वाला- उभयचर
104- खाने के बाद बचा हुआ जूठन- उच्छिष्ट
105- जिस जमीन पर कुछ उत्पन्न न हो – ऊसर
106- एक ही आदमी का अधिकार – एकाधिकार
107- इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
108- इंद्रियों से सम्बंधित – ऐन्द्रिक
109- जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो – ऐच्छिक
110- अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न पुत्र – औरस
111- ऊपरी आचरण – औपचारिक
112- कर्तव्य न सूझ रहा हो- किंकर्तव्यविमूढ़
113- भूख-प्यास और भय से घबराया हुआ – कातर, अधीर
114- कथा जो जनसामान्य में प्रचलित हो- किंवदंती
115- किसका ज्ञान सीमित हो, जो एक ही स्थान के बारे में जानता हो – कूपमंडूक
116- जो खरीदा गया हो – क्रीत
117- किये गए अहसान को भूल जाने वाला – अहसानफरामोश, कृतघ्न118- उपकार मानने वाला – कृतज्ञ
119- कार्य हो जाने से संतुष्ट – कृतार्थ
120- किसी वस्तु को देखने अथवा सुनने की प्रबल इच्छा – कौतूहल
121- कविता लिखने वाली स्त्री – कवयित्री
122- सारे शरीर की हड्डियों का ढांचा – कंकाल
123- बाधाओं या कांटों से भरा मार्ग – कंटकाकीर्ण
124- कमल के समान सुंदर आंखों वाली – कमलनयनी
125- किसी विचार को कार्य रूप में बदलना – कार्यान्वयन
126- जो काम से जी चुराता हो – कामचोर
127- जो अच्छे चाल चलन का न हो – कुचाली
128- मन गढ़ंत बात – कपोलकल्पित
129- काम में लगा रहने वाला – कर्मठ
130- लता बेलों से घिरा सुंदर स्थान – कुंज
131- ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य या चन्द्रमा पूरा ढंक जाए- खग्रास
132- जो आकाश में चलता हो – खेचर, नभचर
133- खाने योग्य पदार्थ – खाद्य
134- आकाश को चूमने या छूने वाला – गगनचुंबी
135- दिन और रात के बीच का समय – गोधूलि
136- जो भोजन देर से पचे – गरिष्ठ
137- जिसके सिर पर बाल न हो – गंजा
138- गंगा से उतपन्न या सम्बंधित – गांगेय
139- घुलने योग्य पदार्थ – घुलनशील
140- जिसका राज्य पूरी पृथ्वी पर हो – चक्रवर्ती
141- जो सदा से चला आ रहा हो – चिरन्तन, शाश्वत
142- जिसके चार पैर हों – चतुष्पद
143- अपने लाभ के लिए किसी की प्रशंसा करने वाला – चाटुकार
144- ऐसा काव्य जिसमें गद्य और पद्य दोनों हों – चम्पू
145- चारों ओर की सीमा – चौहद्दी
146- बरसात के चार महीने- चौमासा
147- छिपे वेश में रहना – छद्मवेश
148- किसी में दोष ढूढना – छिद्रान्वेषण
149- किसी पर आरोप लगा कर छेड़ना – छींटाकसी
150- जनता द्वारा चलाया जाने वाला शासन – जनतंत्र
151- जीने की प्रबल इच्छा – जिजीविषा
152- किसी पर विजय पाने की इच्छा – जिगीषा
153- जानने की इच्छा रखने वाला – जिज्ञासु
154- जो संतान अवैध हो – जारज
155- जल में चलने वाला यान – जलयान
156- जन्म से सौ वर्ष का समय – जन्मशती, जन्मशताब्दी
157- जो जन्म से ही अंधा हो – जन्मांध
158- बुढ़ापे के कारण जर्जर – जराजीर्ण
159- पेट की अग्नि – जठराग्नि
160- जंगल की आग – दावानल
161- पति का बड़ा भाई – जेठ
162- बेटी का पति – जामाता, दामाद
163- स्वाभावतः झगड़ा करने वाला – झगड़ालू
164- किसी विषय पर अपना मत रखना – टिप्पणी
165- सिक्के ढलने के कारखाना – टकसाल
166- चारों ओर से जल से घिरी जमीन – टापू
167- जिसमें बाण रखे जाते हैं – तरकश, तूणीर
168- तर्क के आधार पर ठीक हो – तार्किक, तर्कसंगत
169- भूत, भविष्य, वर्तमान तीनों काल को जानने वाला – त्रिकालज्ञ
170- जो त्याग देने लायक हो – त्याज्य
171- विवाद या गुटबाजी से अलग रहने वाला – तटस्थ
172- जिसको त्याग दिया गया हो – त्यक्त
173- काम में निष्ठापूर्वक लगा हुआ – तत्पर
174- एक व्यक्ति द्वारा चलाया जाने वाला मनमाना शासन- तानाशाही
175- करचोरी से प्रतिबंधित माल बेचने वाला – तस्कर
176- जो देवताओं के योग्य हो – दिव्य
177- गोद लिया हुआ पुत्र – दत्तक
178- जहां जाना कठिन हो – दुर्गम
179- पति- पत्नी का जोड़ा – दम्पति
180- दण्ड दिए जाने योग्य – दंडनीय
181- जिसका मुख्य दाईं ओर हो –दक्षिणावर्त, दक्षिणाभिमुखी
182- पूरी तरह मन लगाकर – दत्तचित्त
183- बुरे चरित्र वाला – दुश्चरित्र
184- जिसे करना बहुत कठिन हो – दुष्कर
185- जो अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहता हो – दृढ़प्रतिज्ञ
186- अपने देश से विश्वासघात करने वाला – देशद्रोही
187- तेज गति से जाने वाला – द्रुतगामी
188- ऐसा अकाल जिसमें भिक्षा देना भी कठिन हो – दुर्भिक्ष
189- जिसे भेदना कठिन हो – दुर्भेद्य
190- जिसका समाधान कठिन हो – दुःसाध्य
191- अनुचित बात के लिए आग्रह करना – दुराग्रह
192- जिसे पूजा द्वारा प्रसन्न करना कठिन हो – दुराराध्य
193- जिसके दश मुंह हों – दशानन, दशमुख
194- जिस पर तिथि या दिनांक अंकित हो – दिनांकित
195- जो अपने ऋण चुकाने में असमर्थ हो – दिवालिया
196- जिसकी बाहें घुटनों तक लम्बी हों – आजानुबाहु
197- जो देखने योग्य हो – दर्शनीय
198- पुराने संकुचित विचारों वाला – दकियानूस
199- विवाह के बाद बहू का दोबारा ससुराल आना – द्विरागमन
200- जिसे दबाया/ पीड़ित किया गया हो – दलित
201- नजर का दोष होना – दृष्टिदोष
202- दो भाषाएं बोलने वाला – द्विभाषी,
203- दो भिन्न भाषा बोलने वालों के बीच मध्यस्थता करने वाला – द्विभाषिया
204- जो वस्तु दूसरों के यहां रखी हो – धरोहर
205- धन देने वाली – धनदा
206- धार्मिक सिद्धान्तो के अनुसार आचरण करने वाला – धर्मात्मा
207- धनुष धारण करने वाला – धनुर्धर
208- यात्रियों के लिए बने आश्रय स्थल – धर्मशाला
209- मछली पकड़ने वाली जाति – धीवर
210- जिसकी धर्म में निष्ठा हो – धर्मनिष्ठ
211- जो गिनती के योग्य न हो – नगण्य
212- जो ईश्वर को न मानता हो – नास्तिक
213- ईश्वर में विश्वास रखने वाला – आस्तिक
214- जो निंदा के योग्य हो – निंदनीय
215- जो कामना रहित हो – निष्काम
216- जो नीचे लिखा गया हो- निम्नलिखित
217- जो भयभीत न होता हो – निर्भीक, अभय
218- बिना मांस का – निरामिष
219- जिसके मन में दया न हो – निर्दयी
220- जिसके हृदय में ममता न हो – निर्मम
221- बिना किसी फीस/ शुल्क का – निःशुल्क
222- जो चिंता से रहित हो – निश्चिंत
223- जिसका कोई आधार न हो – निराधार
224- जो विषय भोग से रहित हो – निरीह
225- जिसको किसी प्रकार का लोभ न हो – निस्पृह
226- जिसका कोई आसरा न हो – निराश्रय
227- जो नष्ट होने वाला हो – नश्वर
228- जिसे अक्षर ज्ञान न हो – निरक्षर
229- जिसके पास शक्ति का अभाव हो – निर्बल, दुर्बल
230- जो हर बात में निराशा प्रकट करता हो – निराशावादी
231- रात्रि के मध्य भाग का समय – निशीथ
232- जिस पर किसी प्रकार का अंकुश न हो – निरंकुश
233- जिसके पास कोई उत्तर न हो – निरुत्तर
234- बिना पलक झपकाए लगातार देखना – निर्निमेष
235- जिसका कोई आकार न हो – निराकार
236- सरकारी अधिकारियों का शासन – नौकरशाही, लालफीताशाही
237- जिसके विषय में कोई मतभेद या विवाद न हो – निर्विवाद
238- जो नया आया हो – नवागत
239- जहां किसी बात का डर या खतरा न हो – निरापद
240- देश के बाहर माल भेजना – निर्यात
241- दूसरे देश से माल लेना – आयात
242- जिसका निषेध किया गया हो – निषिद्ध
243- जिसपर कोई कलंक न लगा हो – निष्कलंक
244- जिसने कभी पाप न किया हो – निष्पाप
245- जिसमें तेज न हो – निष्तेज
246- जिसकी सहायता करने वाला कोई न हो – निस्सहाय
247- नीति का ज्ञान रखने वाला – नीतिज्ञ
248- जिसकी आशा न की गयी हो – अप्रत्याशित
249- बिना जड़ का – निर्मूल
250- हाल ही में पैदा हुआ – नवजात
251- हाल में ब्याही वधू – नववधू
252- नगर में रहने वाला – नागरिक
253- पुत्री की पुत्री – नातिन
254- नरक से संबंधित या नरक में रहने वाला – नारकीय
255- जिसमें शब्द न हो रहा हो – निःशब्द
256- जिसकी कोई संतान न हो – निःसंतान
257- जिसे देश से निकाला गया हो – निर्वासित
258- जिसे कोई रोग न हो – निरोग
259- जिसकी उपमा न दी जा सके – निरुपम
260- सिर से पाँव तक के सब अंग – नखशिख
261- नया उदय होने वाला – नवोदित
262- जिसका गला नीले रंग का है – नीलकंठ
263- जिसका कोई अर्थ न हो – निरर्थक
264- निम्न कोटि का – निकृष्ट
265- जो शंका करने वाला योग्य न हो – निःशंक
266- जो दूसरे के अधीन हो – परतंत्र
267- मिट्टी का बना हुआ या पृथ्वी से संबंधित – पार्थिव
268- जो सुख दुख से परे हो – परमहंस
269- जो प्रशंसा के योग्य हो – प्रशंसनीय
270- जो देखने में प्रिय लगे – प्रियदर्शी
271- पद का लालची – पदलोलुप
272- जिसकी पूजा की जा सके – पूजनीय
273- इतिहास लेखन से पहले का – प्रागैतिहासिक
274- पिता से प्राप्त की हुई संपत्ति – पैतृक
275- पत्ते की बनी हुई कुटी – पर्णकुटी
276- आंखों के सामने – प्रत्यक्ष
277- उपकार के बदले किया गया उपकार – प्रत्युपकार
278- जो गिरा हुआ हो – पतित
279- जिसका जन्म शरीर से हो – पिंडज
280- किये हुए पाप को स्वीकार कर दण्ड भोगना – प्रायश्चित
281- परिश्रम के बदले मिला हुआ धन आदि – पारिश्रमिक
282- पशुओं का या पशुओं जैसा – पाशविक
283- जिसे पीने की तीव्र इच्छा हो – पिपासु
284- किसी के निधन की वार्षिक तिथिं – पुण्यतिथि
285- अपने पुत्र की पत्नी – पुत्रवधू
286- किसी बात को दोबारा कहना – पुनरुक्ति
287- जिसकी प्रतिष्ठा या सम्मान हो – प्रतिष्ठित
288- जिसके आर पार देखा जा सके – पारदर्शी
289- जो कहीं जाकर वापस लौट आया हो- प्रत्यागत
290- ठीक समय पर तुरंत उपाय सोच लेने वाला- प्रत्युतपन्नमति
291- जो प्रमाण से सिद्ध हो सके – प्रमेय
292- विदेश में रहने वाला व्यक्ति – प्रवासी
293- प्रश्न के रूप में पूछने योग्य – प्रष्टव्य
294- स्त्री जिसने बच्चे को जन्म दिया हो – प्रसूता
295- हास्य रस प्रधान नाटक – प्रहसन
296- किसी टूटी फूटी वस्तु का फिर से निर्माण – पुनर्निर्माण
297- जिसकी कामना पूरी हो गयी हो – पूर्णकाम
298- किसी प्रश्नपत्र के लिए निर्धारित अंक, पूरे अंक – पूर्णांक
299- पुत्र का पुत्र – पौत्र
300- पुत्र की पुत्री – पौत्री
जय शंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कहानियाँ

छोटा जादूगर/ जयशंकर प्रसाद
गुंडा /जयशंकर प्रसाद
तानसेन / जयशंकर प्रसाद
चंदा / जयशंकर प्रसाद
ग्राम / जयशंकर प्रसाद
रसिया बालम / जयशंकर प्रसाद
शरणागत / जयशंकर प्रसाद
सिकंदर की शपथ / जयशंकर प्रसाद
चित्तौड़-उद्धार / जयशंकर प्रसाद
अशोक / जयशंकर प्रसाद
गुलाम / जयशंकर प्रसाद
जहाँआरा / जयशंकर प्रसाद
मदन-मृणालिनी / जयशंकर प्रसाद
आकाशदीप / जयशंकर प्रसाद
स्वर्ग के खंडहर में / जयशंकर प्रसाद
उस पार का योगी / जयशंकर प्रसाद
देवदासी / जयशंकर प्रसाद
समुद्र-संतरण / जयशंकर प्रसाद
चूड़ीवाली / जयशंकर प्रसाद
अपराधी / जयशंकर प्रसाद
प्रणय-चिह्न / जयशंकर प्रसाद
ज्योतिष्मती / जयशंकर प्रसाद
रमला / जयशंकर प्रसाद
बिसाती / जयशंकर प्रसाद
आँधी / जयशंकर प्रसाद
मधुआ / जयशंकर प्रसाद
दासी / जयशंकर प्रसाद
घीसू / जयशंकर प्रसाद
बेड़ी / जयशंकर प्रसाद
व्रत-भंग / जयशंकर प्रसाद
ग्राम-गीत / जयशंकर प्रसाद
विजया / जयशंकर प्रसाद
अमिट स्मृति / जयशंकर प्रसाद
नीरा / जयशंकर प्रसाद
पुरस्कार / जयशंकर प्रसाद
इंद्रजाल / जयशंकर प्रसाद
सलीम / जयशंकर प्रसाद
छोटा जादूगर / जयशंकर प्रसाद
नूरी / जयशंकर प्रसाद
परिवर्तन / जयशंकर प्रसाद
संदेह / जयशंकर प्रसाद
भीख में / जयशंकर प्रसाद
चित्रवाले पत्थर / जयशंकर प्रसाद
चित्र-मंदिर / जयशंकर प्रसाद
गुंडा / जयशंकर प्रसाद
अनबोला / जयशंकर प्रसाद
देवरथ / जयशंकर प्रसाद
विराम-चिह्न / जयशंकर प्रसाद
सालवती / जयशंकर प्रसाद
उर्वशी / जयशंकर प्रसाद
बभ्रुवाहन / जयशंकर प्रसाद
ब्रह्मर्षि / जयशंकर प्रसाद
पंचायत / जयशंकर प्रसाद

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❇️परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न ❇️

सिद्धों की भाषा को आलो आंधारी भाषा किसने कहा है?
उत्तर:::——हरप्रसाद शास्त्री

यह तो जगजाहिर है की रामानंद के बारह शिष्य थे
लेकिन किस आलोचक ने कहा की रामानंद के बारह नहीं साढे बारह शिष्य थे?
उत्तर::::——–नागरी प्रचारणी पत्रिका मे ।

पृथ्वीराज रासो को हिंदी का वृहत् महाभारत किसने कहा है?
उतर-::::::———दशरथ शर्मा

कबीर को अवधी का प्रथम कवि किसने माना है
उतर :::::::———बाबूराम सक्सेना

मिश्रबंधुओं ने हिंदी का सबसे उद्दण्ड कवि किसे माना है?
उतर:::———बेताल बंदीजन

मिश्रबंधुओं ने किस रीतिमुक्त कवि को ओऊल नंबर का रसिया कहा है?
उतर::——— ठाकुर जी

मिश्रबंधुओं ने अष्टछाप का नौवां कवि किसे माना है?
उतर::::——–नागरीदास

मिश्रबंधुओं ने पुर्वालंकृतकाल का सबसे बडा आचार्य किसे माना है?
उत्तर::::::——-चिंतामणि

मिश्रबंधुओं ने उत्तरालंकृत काल का सबसे बडा.कवि किसे माना है?
उतर::::::——भिखारीदास जी

मिश्रबंधुओं ने पुर्वालंकृतकाल का सबसे बडा कवि किसे माना है?
उतर:::——सेनापति

मिश्रबंधु विनोद को हिंदी साहित्य का पंचांग किसने कहा है?
उत्तर::—डॉ नामवर सिंह

शिवसिंह सरोज किस भाषा मे लिखा गया है
उत्तर::—-हिंदी में

गुरुग्रंथ साहब में कुल कितने संत कवियो के पद है?
उतर:—17

नंददास जडिया और कवि गढिया यह तो जगजाहिर है
लेकिन वो एक भक्त कवि कौन है जिसे ‘जडिया और गढियां’ भक्त कवि कहा जाता है?
उतर:::——तुलसीदास जी

रीतिकाल का वह कवि जिसने खडी बोली हिंदी में सीतवसंत नामक (प्रबन्धरूप में)कहानी लिखी थी?
उतर:::——चन्दन कवि

रीतिकाल के किस कवि का उपनाम ‘काष्ठ जिह्वा स्वामी’ था?
उतर::——देव बनारस वाले

हिंदी का प्रथम जयकाव्य कौनसा है?
उतर::—–खुमाण रासो

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शरद जोशी का व्यंग्य ‘नदी मे खड़ा कवि ‘ किस साहित्याकाराधारित है
A. अज्ञेय
B. जायसी
C. धुमिल
D. दिनकर

चलती चक्की , चंडूखाने की गप , रंगरुटों की फौज । किस पत्र के स्थायी स्तम्भ थे
A. विशाल भारत
B. भारत
C. मतवाला
D. कर्मवीर

कन्या का तपोवन नाटक किसका है
A. रामनरेश त्रिपाठी
B. नेमीचन्द्र जैन
C. रामप्रकाश
D. सियारामशरण गुप्त

शैली विज्ञान को रीति विज्ञान नाम किसने दिया
A लक्ष्मीनारायण
B. विद्यानिवास मिश्र
C. शिवदान सिंह चौहान
D. अजीत कुमार

वत्सलनिधि संस्था के संस्थापक कौन थे
A. धुमिल
B. अज्ञेय
C. पंत
D. महादेवी वर्मा

धर्मवीर भारती ने किस विषय पे और किनके निर्देशन में शोध प्रबन्ध लिखकर पी एच डी की उपाधि प्राप्त की
1 हिंदी का इतिहास डॉ धीरेन्द्र वर्मा
2 सिद्ध साहित्य डॉ धीरेन्द्र वर्मा
3 हिंदी का छायावाद महादेवी वर्मा
4 आदिकाल चन्र्दधर शर्मा गुलेरी

मुक्तिबोध की कोनसी रचना मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित है?
A. भारत इतिहास ओर संस्कृति
B. चाँद का मुह टेढा
C. काठ का सपना
D. विपात्र

मुक्तिबोध को कोनसी रचना से ‘सहर्ष स्वीकारा है ‘कविता ली गई है?
A. भूरी -भूरी खाक धूल
B. चाँद का मुह टेढा है
C. काठ का सपना
D. कोई नहीं

धर्मवीर भारती ने इलाचन्द्र जोशी के साथ किस पत्रिका का संपादन किया 1948 में
1 धर्मयुग
2 निकष
3 संगम
4 आलोचना

धर्मवीर भारती की समस्त कहानियाँ एक साथ किस नाम से संग्रहित हैं
1 आद्यंत
2 मुर्दों का गांव
3 वंद गली का आखिरी मकान
4 सास की कलम से

धर्मवीर भारती ने इलाचन्द्र जोशी के साथ किस पत्रिका का संपादन किया 1948 में
1 धर्मयुग
2 निकष
3 संगम
4 आलोचना

भारतेंदु द्वारा स्थिर किये गए खड़ी बोली गद्य के स्वरूप निर्माण के निम्नाकित आधारों में असत्य है?
A हिंदी के तद्भव ओर प्रचलित शब्दो का प्रयोग
B शब्दो को तोड़-मरोड़कर निर्मित करना
C उर्दू-फ़ारसी के लोक- व्यवह्रत शब्द
D संस्कृत के मूल स्रोत से शब्दों का ग्रहण

कुंवर नारायण की रचना बाजश्रवा के बहाने में विवेच्य है?
A. मृत्यु को जीवन की और देखते हैं
B. जीवन को मृत्यु की और देखते है
C. इनमें से कोई नहीं
D. दोनो

उन्नीसवीं सदी के आरम्भ में 4 ऐसे लेखक आविर्भूत हुए जिन्होंने हिंदी गद्य  की आधारशिला रखी। इनमे से किसकी गद्य शैली परवर्ती गद्य लेखकों द्वारा अपनाई गई?
A इंशाअल्लाह खां
B सदल मिश्र
C सदासुखलाल
D लल्लू लाल

चातक खड़ा चोंच खोले हैं, संपुट खोले सीप खड़ी’पंक्ति के रचयिता है ?
A दिनकर
B श्रीधर पाठक
C मैथिलीशरण गुप्त
D सोहनलाल द्विवेदी


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आदिकाल से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

1 ब्रज माधुरी सार किसका इतिहास ग्रन्थ है?
वियोगी हरि

2 सिद्धों का प्रधान केंद्र कहाँ था?
श्री पर्वत

3 नाथ मत के सिद्धों की सबसे प्राचीन सूचि किस ग्रन्थ में है?
वर्णरत्नाकर

4 कौल मार्ग क्या है?
नाथ पंथ की मान्यता

5 सरस्वती निलय किसे कहा गया है?
पुष्पदंत

6 आचार्य हेमचन्द्र का वास्तविक नाम क्या है?
चंगदेव

7 कुमार प्रतिबोध किसकी रचना है?
सोमप्रभसूरि

8 चर्चरी किसे कहते है?
आदिकाल में गायकों की टोली

9 गंगा भक्ति तरंगिणी किसका ग्रन्थ है?
गणपति ठाकुर

10 कवि रंजन किसे कहा गया है?
विद्यापति

11 हिंदी तथा अपभ्रंश में युद्ध प्रधान रास काव्य कौन कौन से है?
क्रमशः हम्मीर रासो,बाहुबली रास

12 पेंडथरास में कितने छंद है?
65

13 स्त्री रसायण में किसके विरह का वर्णन है?
राजमती

14 अपभ्रंश का व्यास किसे कहा गया है?
पुष्पदंत

15 नारी निंदा किस संप्रदाय में मिलती है?
नाथ संप्रदाय

16 आदिकाल में मनोरंजन साहित्य की रचना किसने की?
अमीर खुसरों

17 आदिकाल का कौन सा ग्रन्थ शिलाओं पर लिखा है?
राऊलवेल

18 चार्ल्स इलियट ने कौन से ग्रन्थ का प्रकाशन करवाया?
आल्हाखण्ड

19 आदिकाल को आधार काल किसने कहा?
सुमन राजे

20 राऊलवेल किस म्यूज़ियम में सुरक्षित है?
प्रिंस ऑफ़ वेल्स मुम्बई

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होंठ पे लिए हुए दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है
तुमसे प्यार है
तुम्हारा इंतज़ार है

🌿🐾🐾🌿🐾🐾🌿
किसी को मुफ्त में मिल गया वो शक्स,

जो हमे हर क़ीमत में चाहिए था...!!
सब कुछ तेरी आँखों का सबब ही तो है
जो आज भी मैं गुमनाम सा हूँ।
तेरी मोहब्बत क्या मिली सुन ले
अपनी ही नजर में बदनाम सा हूँ।

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2024/06/11 01:12:12
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