sᴜɴᴏ
लगा कर मेरे बोलने पर पाबंदी
उसने मुझे लिखना सीखा दिया
जब भी लिखी मैने कोई शायरी
लफ्जों ने उसका चेहरा बना दिया
irfan...✍️
लगा कर मेरे बोलने पर पाबंदी
उसने मुझे लिखना सीखा दिया
जब भी लिखी मैने कोई शायरी
लफ्जों ने उसका चेहरा बना दिया
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
चढ़ता सूरज जाते जाते
सियाह रात दे गया
अपनी जगह वो हर घर
रोशन चिराग कर गया
irfan...✍️
चढ़ता सूरज जाते जाते
सियाह रात दे गया
अपनी जगह वो हर घर
रोशन चिराग कर गया
irfan...✍️
Suno
वर्क पर जो उतारे थे अल्फाज
पर उसका नाम ना दिया
लिखना चाहा था किरदार उसका
लेकिन कलम ने साथ ना दिया
जाहिर कैसे करता उसकी वफा को
में अपने अल्फाजों मैं
जब मेरे वजूद ने ही मेरा साथ ना दिया
irfan...✍️
वर्क पर जो उतारे थे अल्फाज
पर उसका नाम ना दिया
लिखना चाहा था किरदार उसका
लेकिन कलम ने साथ ना दिया
जाहिर कैसे करता उसकी वफा को
में अपने अल्फाजों मैं
जब मेरे वजूद ने ही मेरा साथ ना दिया
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
निगाहों ही निगाहों मैं
अनकही बात हो जाती है
नजर उठे तो कतल और
झुके तो हया हो जाती है
लब ए तबस्सुम जो लरजती है
गुलाब की कालिया खिलती है
जो तेज लेती है वो सांसे
बादे सबा भी मुस्कुराती है
महक सांसों की उनकी
खुशबू फैला जाती है
तेरा खयाल आते ही मेरे
चेहरे पर मुस्कान आती है
कब होगी मुलाकात तुमसे
ये सोच कर सुकून ले जाती है
यही सोच कर खुश हों जाते है
ख्वाबों मैं मुलाकात हो जाती है
irfan...✍️
निगाहों ही निगाहों मैं
अनकही बात हो जाती है
नजर उठे तो कतल और
झुके तो हया हो जाती है
लब ए तबस्सुम जो लरजती है
गुलाब की कालिया खिलती है
जो तेज लेती है वो सांसे
बादे सबा भी मुस्कुराती है
महक सांसों की उनकी
खुशबू फैला जाती है
तेरा खयाल आते ही मेरे
चेहरे पर मुस्कान आती है
कब होगी मुलाकात तुमसे
ये सोच कर सुकून ले जाती है
यही सोच कर खुश हों जाते है
ख्वाबों मैं मुलाकात हो जाती है
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
मेरी मोहब्बत वो समझ ना सके
तड़प दिल की पहचान ना सके
मुख्तसर सी थी जिंदगी हमारी
वो है के साथ निभा ना सके
बेवफा उसे कहे या अपने नसीब
को हम उसकी वफा का प्याला
पी ना सके
शायद कुछ कमी थी मेरी
मोहब्बत मैं
हम खुद उनकी मोहब्बत के
काबिल हो ना सके
वो तो सुना गए दास्तान
मजबूरी की
और हम वफा का सेहरा पहन
ना सके
irfan...✍️
मेरी मोहब्बत वो समझ ना सके
तड़प दिल की पहचान ना सके
मुख्तसर सी थी जिंदगी हमारी
वो है के साथ निभा ना सके
बेवफा उसे कहे या अपने नसीब
को हम उसकी वफा का प्याला
पी ना सके
शायद कुछ कमी थी मेरी
मोहब्बत मैं
हम खुद उनकी मोहब्बत के
काबिल हो ना सके
वो तो सुना गए दास्तान
मजबूरी की
और हम वफा का सेहरा पहन
ना सके
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
खुदा ना करे किसी को
इतना इश्क तड़पाए
मोहब्बत उसी से करना
जो दिल की बात बताए
वक्त की भी अहमियत
बे शुमार है मोहब्बत मैं
मशरूफियत मैं भी थोड़ी
उनसे गुफ्तगू हो जाए
फिक्र भी कर लिया करो
अपने मेहबूब की
के उसको तुम्हारी मोहब्बत
का एहसास हो जाए
वफा करना पहले खुद
फिर वफा की उम्मीद करना
ऐसे ना हो के तुम से पहले
वो बेवफा हो जाए
माना रूठना तो अदा है
इसी रूठने मैं जुदा ना होजाए
Irfan...✍️
खुदा ना करे किसी को
इतना इश्क तड़पाए
मोहब्बत उसी से करना
जो दिल की बात बताए
वक्त की भी अहमियत
बे शुमार है मोहब्बत मैं
मशरूफियत मैं भी थोड़ी
उनसे गुफ्तगू हो जाए
फिक्र भी कर लिया करो
अपने मेहबूब की
के उसको तुम्हारी मोहब्बत
का एहसास हो जाए
वफा करना पहले खुद
फिर वफा की उम्मीद करना
ऐसे ना हो के तुम से पहले
वो बेवफा हो जाए
माना रूठना तो अदा है
इसी रूठने मैं जुदा ना होजाए
Irfan...✍️
सुनो तो
दिन के उजालों में भी है
रात के अंधेरों में भी है
एक रोशन है सितारा जो
हमारी पनाहों में भी है
Irfan...✍️
5/5/2024 sunday 4:50 pm
दिन के उजालों में भी है
रात के अंधेरों में भी है
एक रोशन है सितारा जो
हमारी पनाहों में भी है
Irfan...✍️
5/5/2024 sunday 4:50 pm
Suno
फासले बढ़ गए कुछ फैसले से
अपने नही रहे मेरे जो अपने थे
Irfan...✍️
6/5/24 monday 2 10 pm
फासले बढ़ गए कुछ फैसले से
अपने नही रहे मेरे जो अपने थे
Irfan...✍️
6/5/24 monday 2 10 pm
sᴜɴᴏ
कतल हो या इश्क हो
मुकम्मल करो मुझसे
दोनो सूरत में मुझे फना
होना है तेरे नाम से
irfan...✍️
कतल हो या इश्क हो
मुकम्मल करो मुझसे
दोनो सूरत में मुझे फना
होना है तेरे नाम से
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sᴜɴᴏ
था बड़ा नाजुक सा दिल
इस नादान का
इसमें दिल में हम क्या क्या
और रखते
गम रखते दर्द रखते या
फरियाद रखते
बसा कर तुम्हे दिल मैं
तेरी यादों का कारवां रखते
irfan...✍️
था बड़ा नाजुक सा दिल
इस नादान का
इसमें दिल में हम क्या क्या
और रखते
गम रखते दर्द रखते या
फरियाद रखते
बसा कर तुम्हे दिल मैं
तेरी यादों का कारवां रखते
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sᴜɴᴏ
तड़प रहा हूं में देखने को
चेहरा मेरे यार का
देखो बादल भी दे रहा है
पहरा मेरे चांद का
irfan...✍️
तड़प रहा हूं में देखने को
चेहरा मेरे यार का
देखो बादल भी दे रहा है
पहरा मेरे चांद का
irfan...✍️
Suno
उसने मुझे कुछ इस तरह परेशान क्या
पहले बात की फिर नजर अंदाज क्या
Irfan...✍️
8/5/24 wednesday 10:55pm
उसने मुझे कुछ इस तरह परेशान क्या
पहले बात की फिर नजर अंदाज क्या
Irfan...✍️
8/5/24 wednesday 10:55pm
sᴜɴᴏ
आ किसी शब मुझे
तू भी बिखरता देख
जलती शमा मैं खाक
होता परवाना देख
मेरे गले से जुदाई का
उतरता जहर देख
जख्मी है दिल मेरा छालो
से भरा कलेजा देख
नम आंखों को मेरी तू
अब बंजर होता देख
हर वक्त दुआओं मैं मांगा
है तुम्हे खुदा से
आ मुझे कभी सजदे
में सिसकता देख
irfan...✍️
आ किसी शब मुझे
तू भी बिखरता देख
जलती शमा मैं खाक
होता परवाना देख
मेरे गले से जुदाई का
उतरता जहर देख
जख्मी है दिल मेरा छालो
से भरा कलेजा देख
नम आंखों को मेरी तू
अब बंजर होता देख
हर वक्त दुआओं मैं मांगा
है तुम्हे खुदा से
आ मुझे कभी सजदे
में सिसकता देख
irfan...✍️
Suno
ये एहसास, जज़्बात, उम्मीदों की कोई कद्र नहीं
जिसे होती है कद्र उसका होंठो पे कोई जिक्र नहीं
Irfan...✍️
ये एहसास, जज़्बात, उम्मीदों की कोई कद्र नहीं
जिसे होती है कद्र उसका होंठो पे कोई जिक्र नहीं
Irfan...✍️
sᴜɴᴏ
हमने मोहब्बत पाने मैं
सारी जिंदगी गुजार दी
और जिनको हुई हासिल
मोहब्बत नादानी मैं गवां दी
irfan...✍️
हमने मोहब्बत पाने मैं
सारी जिंदगी गुजार दी
और जिनको हुई हासिल
मोहब्बत नादानी मैं गवां दी
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sᴜɴᴏ
पत्थर की हो चुकी थी
मुनताजिर मेरी आंखे
देखा जो उसने छूकर
तो हाथ गीले हो गए
irfan...✍️
पत्थर की हो चुकी थी
मुनताजिर मेरी आंखे
देखा जो उसने छूकर
तो हाथ गीले हो गए
irfan...✍️
Suno
मैने क्या महसूस क्या,
ये मेरा दिल जनता है,
जब एहसासों की माला,
पैरो तले रौंद देता है,,
Irfan...✍️
12/5/24 sunday 5:50 pm
मैने क्या महसूस क्या,
ये मेरा दिल जनता है,
जब एहसासों की माला,
पैरो तले रौंद देता है,,
Irfan...✍️
12/5/24 sunday 5:50 pm
सुनो तो
जी हुजूरी मैं वो अक्सर
ये भूल जाता है,
अपनो को खुश करने मैं
किसी का दिल दुखा जाता है
Irfan...✍️
12/5/24 sundsy 6:00 pm
जी हुजूरी मैं वो अक्सर
ये भूल जाता है,
अपनो को खुश करने मैं
किसी का दिल दुखा जाता है
Irfan...✍️
12/5/24 sundsy 6:00 pm
sᴜɴᴏ
जिस्म से जान निकलने के लिए
तेरी याद ही काफी थी
अहमियत कहा थी तेरी नजरों
में मोहब्बत की सनम
irfan...✍️
जिस्म से जान निकलने के लिए
तेरी याद ही काफी थी
अहमियत कहा थी तेरी नजरों
में मोहब्बत की सनम
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
किसी सबब से अगर
बोलता नही हु मै
ये ना समझना के तुम्हे
सोचता नही हूं मैं
irfan...✍️
किसी सबब से अगर
बोलता नही हु मै
ये ना समझना के तुम्हे
सोचता नही हूं मैं
irfan...✍️