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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

ज़रा देर ठहरो राम
तमन्ना यही है
अभी तुमको जी भर के
देखा नहीं है ❤️🌑
जय जय श्री राम 🙏
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

Jai mata di
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है
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💎जाने दुर्गा सप्तशती पाठ के चमत्कार
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दुर्गा सप्तशती एक ऐसा वरदान है, एक ऐसा प्रसाद है, जो भी प्राणी इसे ग्रहण कर लेता है। वह प्राणी धन्य हो जाता है। जैसे मछली का जीवन पानी में होता है, जैसे एक वृक्ष का जीवन उसके बीज में होता है, वैसे ही माँ के भक्तों के लिए उनका जीवन, उनके प्राण, दुर्गा सप्तशती में स्थित होते है। इसके हर अध्याय का एक खास और अलग उद्देश्य बताया गया है, और ये देवी के विभिन्न शक्तियां को जागृत करने के 13 ब्रह्मास्त्र कह सकते हैं।

💎दुर्गा सप्तशती के पाठों का महत्व
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1. मार्कण्डेय पुराण में वर्णित चमत्कारिक देवी महात्म्य में माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन।

2. इसे स्वयं ब्रह्मा जी ने मनुष्यों की रक्षा के लिए बेहद गुप्त और परम उपयोगी मनुष्य का कल्याण कारी देवी कवच बताया गया है। स्वयं ब्रह्मदेव ने कहा है, कि जो मनुष्य दुर्गा सप्तशती का पाठ करेगा, वह परम सुख भोगेगा।

3. इस दुर्गा सप्तशती को शत चंडी, नवचंडी अथवा चंडीपाठ भी कहा गया है।

4. ये एक जागृत तंत्र विज्ञान है, दुर्गा सप्तशती पाठ के श्लोको का असर निश्चित रूप से होता है। और तीव्र गति से इसका प्रभाव पड़ता है। इसमें ब्रह्माण्ड की तीव्र शक्तिओ का ज्ञान छुपा है।

5.यदि मनुष्य सही तरीके से और सही विधि से पढ़ लेता है तो मनुष्य के जीवन की समस्त परेशानियों का अंत सुनिश्चित है।

💎दुर्गा सप्तशती पाठ का फल
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दुर्गा सप्तशती अध्याय – 1
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🚩किसी भी प्रकार की चिंता है,किसी भी प्रकार का मानसिक विकार यानी की मानसिक कष्ट है। तो दुर्गा सप्तशती के प्रथम अध्याय के पाठ से इन सभी मानसिक विचारों और दुष्चिंताओं से मुक्ति मीलती है।
इंसान की चेतना जागृत होती है और विचारों को सही दिशा मीलती है। किसी भी प्रकार के नेगेटिव विचार आप पर हावी नहीं होते हैं। अतः दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय से आपको हर प्रकार की मानसिक चिंताओं से मुक्ति मीलती है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 2
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🚩दुर्गा सप्तशती के दूसरे अध्याय के पाठ से मुकदमे में विजय मीलती है। किसी भी प्रकार का आपका झगड़ा हो, वाद विवाद हो, उसमें शांति आती है,और आपके मान, सम्मान की रक्षा होती है।
दूसरा पाठ विजय के लिए होता है। लेकिन आपका उद्देश्य आपकी मंशा सही होनी चाहिए तभी ये पाठ फल देता है। अगर आप झूठ की बुनियाद मैं कभी इस अध्याय का पाठ करते हैं और चाहते हैं कि माँ आपकी सहायता करें,तो ये आपकी बहुत बड़ी भूल है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 3
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🚩तीसरे अध्याय का पाठ शत्रुओं से छुटकारा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। दोस्तों शत्रुओं का भय व्यक्ति के जीवन में बहुत पीड़ा का कारण होता है क्योंकि भय ग्रस्त व्यक्ति चाहे वो कितनी भी सुख सुविधा में रह रहा हो कभी भी सुखी नहीं रह सकताहै अतः इस अध्याय के पाठ करने से आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार के भय नष्ट हो जाते हैं। अगर आपके गुप्त शत्रु हैं जिनका पता नहीं चलता और जो सबसे ज्यादा हानि पहुंचा सकते हैं तो ऐसे शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए तीसरे अध्याय का पाठ करना सर्वोत्तम होता है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 4
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🚩दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय माँ की भक्ति प्राप्त करने के लिए उनकी शक्ति उनकी ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए और उनके दर्शनों के लिए सर्वोत्तम है।
वैसे तो इस ग्रंथ के हर अध्याय के हर शब्द में माँ की ऊर्जा निहित है। फिर भी माँ की निष्काम भक्ति महसूस करने के लिए और दर्शनों के लिए यह अध्याय सर्वश्रेष्ठ जान पड़ता है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 5
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🚩पांचवे अध्याय के प्रभाव से हर प्रकार के भय का नाश होता है। चाहे वो भूत प्रेत की बाधा हो,या बुरे स्वप्न परेशान करते हो। या व्यक्ति हर जगह से परेशान हो,तो पांचवें अध्याय के पाठ से इन सभी चीजों से मुक्ति मीलती है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 6
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🚩इस अध्याय का पाठ किसी भी प्रकार की तंत्र बाधा हटाने के लिए किया जाता है।इसके अलावा आपको लगता है कि आपके ऊपर जादू ,टोना किया गया हो,आपके परिवार को बांध दिया हो,या राहु और केतु से आप पीड़ित हो तो छठवें अध्याय का पाठ इन सभी कष्टों से आपको मुक्ति दिलाता है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 7
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🚩किसी भी विशेष कामना की पूर्ति के लिए सातवाँ अध्याय सर्वोत्तम है। अगर सच्चे और निर्मल दिल से माँ की पूजा की जाती है और सातवें अध्याय का पाठ किया जाता है तो व्यक्ति की कामना पूर्ति अवश्य होती हैं।
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 8
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🚩अगर आपका कोई प्रिय आपसे बिछड़ गया हैं, कोई गुमशुदा है और आप उसे ढूँढकर थक चूके हैं तो आठवें अध्याय का पाठ चमत्कारिक फल प्रदान करता है।
🚩बिछड़े हुए लोगों से मिलने के लिए। इसके अलावा वशीकरण के लिए भी इस अध्याय का पाठ किया जाता है,लेकिन वशीकरण सही व्यक्ति के लिए किया जा रहा है,
सही मंशा के साथ किया जा रहा हो, इसका ध्यान रखना बहुत आवश्यक है,नहीं तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसके अलावा धन लाभ के लिए धन प्राप्ति के लिए भी आठवें अध्याय का पाठ बेहद शुभ माना जाता है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 9
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🚩नौवा अध्याय का पाठ संतान के लिए किया जाता है। पुत्र प्राप्ति के लिए या संतान से संबंधित किसी भी परेशानी के निवारण के लिए दुर्गा सप्तशती के नवम अध्याय का पाठ किया जाता है। इसके अलावा संतान की उन्नति प्रगति के लिए तथा किसी भी प्रकार की खोई हुई अमूल्य वस्तु की प्राप्ति के लिए भी नौवें अध्याय का पाठ करना उत्तम होता है। यह आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने में सहायक है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 10
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🚩अगर संतान गलत रास्ते पर जा रही है तो ऐसी भटकी हुई संतान को सही रास्ते पर लाने के लिए दसवां अध्याय सर्वश्रेष्ठ है। अच्छे और योग्य पुत्र की कामना के साथ अगर दसवें अध्याय का पाठ किया जाए, तो योग्य संतान की प्राप्ति होती हैं और प्राप्त संतान सही रास्ते पर चलती है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 11
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🚩अगर आपके व्यापार में हानि हो रही है,पैसों का जाना रुक नहीं रहा है,किसी भी प्रकार से धन की हानि आपको हो रही हो,तो इस अध्याय का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव से आपके अनावश्यक खर्चे बंद हो जाते है। और घर में सुख शांति का वास रहता है।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 12
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🚩इस अध्याय का पाठ करने से व्यक्ति को मान सम्मान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जिस व्यक्ति पर गलत दोषारोपण कर दिया जाता है,जिससे उसके सम्मान की हानि होती है तो ऐसी स्थिती से बचने के लिए दुर्गा सप्तशती के 12 वें अध्याय का पाठ करना चाहिए।
🚩रोगों से मुक्ति के लिए भी 12 वें अध्याय का पाठ करना असीम लाभकारी है। कोई भी ऐसा रोग जिससे आप बहुत सालो से दुखी है और डॉक्टर की दवाइयों का कोई असर नहीं हो रहा है। तो 12 वे अध्याय का पाठ आपको अवश्य करना चाहिए।

दुर्गा सप्तशती अध्याय – 13
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🚩तेहरवे अध्याय का पाठ माँ भगवती की भक्ति प्रदान करता है। किसी भी साधना के बाद माँ की पूर्ण भक्ति के लिए इस अध्याय का पाठ अति महत्वपूर्ण है।
🚩किसी विशेष मनोकामनाओ को पूर्ण करने के लिए,किसी भी इच्छित वस्तु की प्राप्ति के लिए,इस अध्याय का पाठ अत्यंत प्रभावी माना गया है।

दुर्गा सप्तशती के प्रभावशाली मंत्र:-

नवरात्रि एक पवित्र पर्व है, मां दुर्गा का व्रत एवं उनकी पूजा-अर्चना के साथ-साथ, उनके मन्त्रों का सही विधि से जाप करें तो मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
1. स्वर्ग एवं मोक्ष प्राप्ति का मंत्र:/

सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी।
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तय:।।

2. संकट मुक्ति एवं शुभता का मंत्र:-

करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।
3. आरोग्यता एवं सौभाग्य का मंत्र:/

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

4. शक्ति का मंत्र

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।

5. हर तरह के कल्याण का मंत्र

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।

6. प्रसन्नता का मंत्र

प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि।
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव।।

7. सुरक्षा का मंत्र

शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।

8. रोग मुक्ति का मंत्र

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

9. दरिद्रता से मुक्ति का मंत्र

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाद्र्रचिता।।
🙏🙏:-
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Radhe radhe
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‼️बिनु #सत्संग विवेक न होई।
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई🥀

‼️सठ सुधरहिं #सत्संगति पाई।
पारस परस कुघात सुहाई 🥀

🚩#ॐ_श्री_रामचंद्राय_नमः 🚩
⚜️ #ॐ_श्री_रामदूताय_नमः⚜️
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

हरे कृष्ण 🙏🏻
गुणों को पहचानो

एक सरोवर के तट पर एक खूबसूरत बगीचा था। इसमें अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए थे। लोग वहां आते, तो वे वहां खिले तमाम रंगों के गुलाब के फूलों की तारीफ जरूर करते। एक बार एक गुलाबी रंग के बहुत सुंदर गुलाब के पौधे के एक पत्ते के भीतर यह विचार पदा हो गया कि सभी लोग फूल की ही तारीफ करते हैं, लेकिन पत्ते की तारीफ कोई नहीं करता। इसका मतलब यह है कि मेरा जीवन ही व्यर्थ है।

यह विचार आते ही पत्ते के अंदर हीन भावना घर करने लगी और वह मुरझाने लगा। कुछ दिनों बाद बहुत तेज तूफान आया। जितने भी फूल थे, वे पंखुड़ी-पंखुड़ी होकर हवा के साथ न जाने कहां चले गए। चूंकि पत्ता अपनी हीनभावना से मुरझाकर कमजोर पड़ गया था, इसलिए वह भी टूटकर, उड़कर सरोवर में जा पड़ा। पत्ते ने देखा कि सरोवर में एक चींटी भी आकर गिर पड़ी थी और वह अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी। चींटी को थकान से बेदम होते देख पत्ता उसके पास आ गया। उसने चींटी से कहा - घबराओ मत, तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ। मैं तुम्हें किनारे पर ले चलूंगा।

चींटी पत्ते पर बैठ गई और सही-सलामत किनारे तक आ गई। चींटी इतनी कृतज्ञ हो गई कि पत्ते की तारीफ करने लगी। उसने कहा - मुझे तमाम पंखुड़ियां मिलीं, लेकिन किसी ने भी मेरी मदद नहीं की, लेकिन आपने तो मेरी जान बचा ली। आप बहुत ही महान हैं।

यह सुनकर पत्ते की आंखों में आंसू आ गए। वह बोला- धन्यवाद तो मुझे देना चाहिए कि तुम्हारी वजह से मैं अपने गुणों को जान सका। अभी तक तो मैं अपने अवगुणों के बारे में ही सोच रहा था, लेकिन आज अपने गुणों को पहचानने का अवसर मिला।

*कथा-मर्म : किसी से तुलना करके हीन-भावना पैदा करने की बजाय सक्रिय होकर अपने भीतर के गुणों को पहचानना चाहिए*

🙏 🌷 🙏
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

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*Happiness can be found even in the darkest of times. If one only remembers to turn on the light.*
*~ Albus Dumbledore*

*खुशी खराब से खराब समय में भी ढूंढी जा सकती है। लेकिन तभी जब आप दीप जलाना याद रखें।*
*~ एल्बस डम्बलडोर*

*🙏🙏प्रातः वंदन🙏🙏*
*🙏🙏 जय श्री कृष्णा🙏🙏*
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

चलिए प्रेम से 5 सेकंड का समय निकालकर ब्रह्मांड का सबसे पवित्र नाम लेते हैं " #जय_श्री_राम" ❣️
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Croud at haridwar somvatiamavsya
Har har gange


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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

सबरी गीध सुसेवकनि सुगति दीन्हि रघुनाथ।
नाम उधारे अमित खल बेद बिदित गुन गाथ॥

भावार्थ:- श्री रघुनाथ जी ने तो शबरी, जटायु आदि उत्तम भक्तों का ही उद्धार किया था, लेकिन नाम तो अनगिनत दुष्टों का उद्धार करने वाला है, नाम के गुणों की कथा तो वेदों में भी वर्णित है।

#जय_श्री_राम ❣️
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Happy Baisakhi
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हरे राम राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

मुझको राधा रमन, कर दो ऐसा मगन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ।

करुणानिधान मोपे कृपा कर रिझिए,
बृज में बसाके मोहे सेवा सुख दीजिए ।
प्रेम से भरदो मन, गाउँ तेरे भजन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ॥

भाव भरे भूषणो से आपको सजाऊँ मैं,
नितनव् भोज निज हाथों से पवाऊं मैं ।
करो जब तुम शयन, दाबू तुमरे चरण,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ॥

जब भी विहार करो, प्यारी संग सांवरे,
फूल बन जाऊं जहां, धरो तुम पाँव रे ।
बनके शीतल पवन छू लूँ तेरा बदन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ॥
Radhe Krishna     ━━━━✧❂✧━━━━     ♡ ㅤ    ❍ㅤ     ⎙ㅤ     ⌲    ˡᶦᵏᵉ   ᶜᵒᵐᵐᵉⁿᵗ    ˢᵃᵛᵉ      ˢʰᵃʳᵉ
2024/06/06 09:41:55
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